Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चलेंगे 5 हजार घोड़े-खच्चर, बाहरी लोगों को नहीं होगी संचालन की अनुमति
Kedarnath Dham: घोड़े-खच्चरों से होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए इस बार प्रशासन घोड़े-खच्चरों की सीमित संख्या रखने जा रहा है. पिछले सीजन में आठ हजार घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन हुआ था.
Rudraprayag News: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) की यात्रा में इस बार प्रशासन एक नई पहल करने जा रहा है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर चलने वाले घोड़े-खच्चरों की संख्या इस बार पहले से ही निर्धारित की जा रही है. पैदल मार्ग पर इस बार केवल पांच हजार घोड़े-खच्चर ही संचालित होंगे और ये पांच हजार घोड़े-खच्चर रुद्रप्रयाग जनपद के स्थानीय लोगों के ही होंगे. यदि बाहर से यहां घोड़े-खच्चर आते हैं तो उन्हें पैदल यात्रा मार्ग पर संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी.
यदि यहां के घोड़े-खच्चरों की संख्या पांच हजार से कम होती है तो बाहरी घोड़े-खच्चरों का संचालन रोस्टर के अनुसार किया जाएगा. विश्व विख्यात केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन में सबसे अधिक दिक्कतें घोड़े-खच्चर करते हैं. एक ही पैदल रास्ता होने से जहां पैदल चलने वाले यात्रियों को घोड़े-खच्चरों के कारण दिक्कतें होती हैं तो वहीं घोड़े-खच्चरों की लीद के कारण पैदल मार्ग पर जगह-जगह गंदगी की भरमार भी हो जाती है. कई बार यात्रा मार्ग पर पैदल आवाजाही करने वाले यात्री पर घोड़े-खच्चरों का धक्का लग जाने के कारण खाई में गिरने से यात्रियों की मौते भी हो जाती हैं.
पांच हजार घोड़े-खच्चरों का ही किया जाएगा रजिस्ट्रेशन
घोड़े-खच्चरों से होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए इस बार प्रशासन घोड़े-खच्चरों की सीमित संख्या रखने जा रहा है. पिछले यात्रा सीजन में जहां आठ हजार घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. वहीं इस बार केवल पांच हजार घोड़े-खच्चरों का ही रजिस्ट्रेशन होगा. इन पांच हजार घोड़े-खच्चरों के संचालन में सबसे पहली प्राथमिकता रुद्रप्रयाग के लोगों को दी जाएगी. यदि यहां पांच हजार घोड़े-खच्चर हो जाते हैं तो अन्य जिलों या प्रदेशों के घोड़े-खच्चरों का संचालन केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर नहीं होगा.
पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का संचालन सीमित संख्या में होने से जहां घोड़े-खच्चरों की मौतें कम होंगी, वहीं पैदल मार्ग पर गंदगी की भरमार भी नहीं होगी और पैदल चलने वाले यात्रियों की दिक्कतें भी कुछ हद तक दूर होंगी. रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस बार सीमित संख्या में पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का संचालन होगा. घोड़े-खच्चरों के संचालन में पहली प्राथमिकता जिले के लोगों को दी जाएगी. उन्होंने कहा कि घोड़े-खच्चरों का संचालन सीमित संख्या में होने से पैदल मार्ग पर गंदगी कम होगी, वहीं पैदल चलने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें नहीं होंगी.
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