Rudraprayag News: देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए 2023 की केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) काफी सुखद महसूस कराएगी. इस बार यात्रा में जिला प्रशासन स्तर से नये-नये प्रयोगों के साथ ही काफी चीजों में बदलाव भी किया जा रहा है. इससे जहां यात्रा पर आये श्रद्धालु अच्छा संदेश लेकर जायेंगे, वहीं स्थानीय लोगों का रोजगार भी बेहतर चलेगा. दरअसल, केदारनाथ यात्रा में हर साल आने वाले तीर्थयात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. 


गौरीकुंड से केदारनाथ 18 किलोमीटर पैदल मार्ग पर ही तीर्थयात्रियों को सबसे बड़ी समस्याओं से जूझना पड़ता है. इसका पहला कारण यह कि पैदल मार्ग के रामबाड़ा के बाद खड़ी चढ़ाई से होकर निकलना पड़ता है, वहीं दूसरा कारण यह है कि घोड़े-खच्चरों के संचालन के दौरान जहां तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर नहीं होने से अकारण ही श्रद्धालु मौत का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में इस बार की यात्रा में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की ओर से नये- नये प्रयोग किये जा रहे हैं, जिसका फायदा तीर्थयात्रियों को मिलेगा और वे यहां से अच्छा संदेश लेकर लौट सकेंगे.


घोड़े-खच्चरों के संचालन की संख्या को किया गया सीमित
केदारनाथ पैदल मार्ग पर जहां घोड़े-खच्चरों के संचालन की संख्या सीमित कर दी गई, वहीं इस बार पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ा दी है. जिससे घोड़े-खच्चरों का संचालन सही से हो पाए और पशुओं के घायल या बीमार होने पर शीघ्रता से इलाज हो सके. केदारनाथ यात्रा में जिला प्रशासन का स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी विशेष फोकस रहेगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने पैदल मार्ग पर मेडिकल कैंप की संख्या बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं और मेडिकल स्टाफ के लिए रहने के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी. इससे मरीजों को समय से सुविधा मिलने के साथ ही मेडिकल स्टाफ भी पूरी तन्मयता से कार्य करेगा.


केदारनाथ यात्रा में इस बार तीर्थ यात्रियों को नाक पर रूमाल रखकर यात्रा करने की जरूरत नहीं रहेगी. प्रशासन स्तर से गंदगी की समस्या से निजात दिलाने के लिए पक्के शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है. पहले जहां तीर्थयात्री कपड़े की सीट से बने शौचालयों का उपयोग करते थे, वहीं अब इन पर प्रतिबंध करके पक्के शौचालय बनाये जा रहे हैं. इसके साथ ही पानी की बोटल, चिप्स, बिस्किट के प्लास्टिक रैपरों को यात्रा के दौरान ले जाने पर स्वयं की जिम्मेदारी के साथ नीचे लाने के लिए प्रशासन तीर्थ यात्रियों से अपील करेगा और इस प्लास्टिक- कचरे को समय से रिसाइकल कर दिया जाएगा.


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