Kedarnath Yatra 2023: इन दिनों केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति की कार्यप्रणाली पर भक्त और स्थानीय लोग सवालियां निशान खड़े कर रहे हैं. केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के मुख्य गण सहित आस-पास डिजिटल पेमेंट का क्यूआर लगा होने से तमाम तरह की बातें की जा रही हैं. हालांकि मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति की ओर से नहीं लगाये गये थे. यह कपाट खुलने के दिन लगाये गये थे और इसमें जांच करने के आदेश दिये गये हैं. वहीं तीर्थ पुरोहित समाज ने भी क्यूआर कोड लगाये जाने पर सवाल खड़े किये हैं.


दरअसल, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल तो बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले हैं. कपाट खुलने के दिन दोनों धामों में डिजिटल पेंमेंट के क्यूआर कोड के हार्डिंग लगे रहे. कई भक्त बद्री-केदार मंदिर समिति के क्यूआर कोड समझकर दान भी करते रहे, लेकिन झटका तब लगा, जब मंदिर समिति ने यह कह दिया कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति ने नहीं लगवाये हैं. लगभग दो दिनों तक यह क्यूआर कोड मंदिरों में लगे रहे, लेकिन आखिरकर मंदिर समिति को इस बारे में क्यों नहीं पता चला. जबकि मंदिर समिति के लोग दोनों धामों में भारी संख्या में मौजूद हैं और मंदिर समिति की तमाम गतिविधियों का संचालन वहीं करते हैं. खैर अब जिसने भी यह क्यूआर कोड लगाये थे, वह दान के नाम पर कई पैसे ले गया और भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ा कर गया. जानकारी के मुताबिक कई भक्त इस क्यूआर कोड पर डिजिटल पेमेंट भी कर चुके हैं.


जांच करने आदेश के साथ ही पुलिस को भी तहरीर दी गई
चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि बद्री-केदार मंदिर समिति के अधीन केदारनाथ मंदिर है. इसके बावजूद मंदिर समिति को मालूम नहीं है कि केदारनाथ मंदिर के आगे क्यूआर कोड किसने लगाया है. उन्होंने कहा कि मंदिर समिति में कई तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी है, जिसको लेकर मंदिर समिति को सचेत रहने की जरूरत है.


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वहीं बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि दोनों धामों में जो यह क्यूआर कोर्ड लगाये गये थे, वह मंदिर समिति ने नहीं लगाये थे और न यह मंदिर समिति के थे. कपाट खुलने के दिन यह दोनों धामों में लगाये थे. मंदिर समिति के अधिकारी-कर्मचारियों ने इन क्यूआर कोड के होर्डिंग को उतार दिया है और इसमें जांच करने आदेश के साथ ही पुलिस को भी तहरीर दी गई है.