Uttarakhand News: मां गौरी के कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra 2023) का आगाज हो गया है. केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुण्ड स्थित मां गौरी मंदिर (Maa Gauri Temple) के कपाट विधि विधान से खोल दिये गये हैं. गौरी गांव से मां गौरी की डोली को गौरीकुंड लाया गया, जहां पर पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले गये. अब छः माह तक मां गौरी के दर्शन भक्त यहीं पर कर सकेंगे. बता दें कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बैसाखी पर्व पर मां गौरी के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं. ग्रीष्मकाल में मां गौरी की पूजा-अर्चना गौरीकुंड स्थित गौरी मंदिर में की जाती है, जबकि शीतकाल में गौरी गांव में की जाती है. 


बड़ी संख्या में मौजूद रहे भक्त
गौरी माई मन्दिर गौरीकुंड के मठापति सम्पूर्णानन्द गोस्वामी ने बताया कि बैशाखी पर्व पर गौरी गांव स्थित चंडिका मन्दिर में प्रातःकाल पूजा-अर्चना कर माता की मूर्ति को कंडी में रखकर ढोल नगाड़ों के साथ पूरे गांव की उपस्थिति में छः माह के लिए गौरीकुंड स्थित मां गौरी माई के मंदिर के लिए प्रस्थान कराया गया. माता की इस यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, मन्दिर समिति कर्मचारी और दूर-दराज से आए भक्त मौजूद रहे. 


आज से होगी गौरी माई की पूजा
गांव से प्रस्थान कर मां गौरी माई की डोली गौरीकुंड बाजार होते हुए मन्दिर में पहुंची, जहां पर बड़ी संख्या में भक्त माता के स्वागत में उपस्थित थे. प्रातः आठ बजे गौरी माई मन्दिर में विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता की मूर्ति को मन्दिर में रखा गया और माता के कपाट सभी भक्तों के दर्शनार्थ छह माह के लिए खोल दिए गए. आज से गौरी माई की पूजा प्रतिदिन गौरीकुंड स्थित गौरीमाई मन्दिर में होगी.


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