Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान प्रत्येक वर्ष हजारों घोड़े-खच्चरों का संचालन होता है. घोड़े-खच्चरों की लीद के कारण स्थानीय लोगों के अलावा यात्री भी परेशान रहते हैं. हालांकि इस लीद की सफाई तो की जाती थी पर अब तक यह लीद किमी काम नहीं आ पाती थी लेकिन अब यह लीद बेकार नहीं जायेगी. सेना के पूर्व सूबेदार मनोज सेमवाल ने इस लीद से रोजगार का जरिया निकाला है.
लीद से बनेंगी ईंट, कोयला और गमले
पूर्व सूबेदार मनोज सेमवाल की पहल से इस लीद को एकत्र कर उससे ईंट, कोयला व गमले बनाने की योजना हैं. इससे आने वाले समय में जहां लीद की समस्या का निस्तारण हो जायेगा, वहीं केदारघाटी के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. अब तक लगभग 1200 टन लीद एकत्र की जा चुकी है. पूर्व सूबेदार मनोज सेमवाल ने इस कार्य के लिए वेस्ट मैनेजमेंट टीम गठित की है, जिसमें 40 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. यह कार्य कृषि विज्ञान केंद्र जाखधार (रुद्रप्रयाग) के निर्देशन में किया जा रहा है. मनोज सेमवाल ने बताया कि घोड़े-खच्चरों की लीद के निस्तारण को लेकर वेस्ट मैनेजमेंट टीम का गठन किया गया है. प्रत्येक वर्ष घोड़े-खच्चरों की लीद बढ़ती जा रही है और यहां डंप की जा रही है. हम इस लीद को एकत्रित कर रहे हैं और इस लीद से कुछ नया करने का प्रयास कर रहे हैं.
डीएम बोले- स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि घोड़े-खच्चरों की लीद की समस्या पिछले कई वर्षों से है. लीद की समस्या से अब जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है. इस लीद को पूर्व सूबेदार मनोज सेमवाल की ओर से एकत्रित किया जा रहा है. वो इस लीद पर प्रोजेक्ट बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
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