नई दिल्ली, एबीपी गंगा। शनि देव को न्याय का देवता भी माना जाता है। शनि मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उसी के अनुसार फल भी देते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि शनि देव को लेकर लोगों के मन में भय व्याप्त रहता है।
शनि देव रुष्ठ न हों इसके लिए तमाम तरह के प्रयास भी किए जाते हैं। तो चलिए हम आपको शनि देव के बारे में वो बातें बताते हैं जो आपके लिए लाभदायक हो सकती हैं और शनि के प्रकोप से भी आप बच सकते हैं।
ऐसे लोगों को मिलता है शनि का आशीर्वाद
शनि देव की कृपा मेहनती लोगों पर सदैव बनी रहती है। जब भी कोई मनुष्य परिश्रम से अपने कार्यों को पूरा करता है तो शनि देव प्रसन्न होते हैं। परिश्रम का फल ये मिलता है कि शनि देव उसके भाग्य को भी उज्जवल बनाते हैं। शनि देव श्याम वर्ण के हैं और यही वजह भी है कि मेहनती लोगों पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। इतना ही नहीं शनि छल रहित जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
न्याय के राजा शनि देव
शनि सूर्यपुत्र और मृत्यु के स्वामी यम के अग्रज हैं। सूर्य के द्वारा तिरस्कार मिलने पर शनि भावना और मन के विपरीत कार्य करते हैं इसलिए न्याय के राजा भी हैं। न्यायाधीश को किसी भी तरह की भावनाओं में बहकर निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता और शनि देव भी ऐसे ही हैं।
हमेशा रहती है शनि की छाया
शनि देव सूर्य की पत्नी संज्ञा की छाया अर्थात प्रतिबिम्ब के पुत्र हैं। हमारा चरित्र भी छाया की तरह हमेशा हमारे साथ ही रहता है इसलिए शनि देव नेक और छल-कपट से दूर मनुष्यों के साथ हमेशा न्याय करते हैं। शनि की कृपा पाने के लिए मनुष्य का परिश्रमी होना बेहद आवश्यक है।
शनि देव से मिलती है प्रेरणा
मनुष्य बुद्धि और भावनाओं के बंधन में बंधा है। जीवन जीने के लिए जहां एक ओर बुद्धि का उपयोग करके समस्या का समाधान मिल सकता है तो वहीं दूसरी ओर मन और भावना से भी परिस्थिति को सुलझाया जा सकता है। ऐसे में शनि देव की शिक्षा का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि शनि हमें प्रेरित करते हैं कि श्रम और कपटहीन प्रवृत्ति से जीवन में खुशहाली लाई जा सकती है।