केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बोले- 'सनातन सिर्फ धर्म नहीं बल्कि जीवंत विचारधारा'
केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने महाकुंभ के आयोजन को भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार का सबसे बड़ा माध्यम बताया. उनके मुताबिक सनातन सिर्फ धर्म ही नहीं बल्कि जीवंत विचारधारा है.
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MahaKumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ के प्रचार प्रसार और ब्रांडिंग के लिए देशभर में जगह-जगह कांक्लेव आयोजित किए जाएंगे. इसकी शुरुआत आज संगम नगरी प्रयागराज में हुई. प्रयागराज में तीन दिनों तक आयोजित होने वाले महाकुंभ कांक्लेव की शुरुआत आज केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद जी महाराज ने किया. इस कॉन्क्लेव का आयोजन इंडिया थिंक काउंसिल की तरफ से किया गया है.
आज कांक्लेव का उदघाटन करते हुए केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने महाकुंभ के आयोजन को भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार का सबसे बड़ा माध्यम बताया. उन्होंने कहा कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भारत के आध्यात्मिक वैभव की झांकी होती है. उनके मुताबिक सनातन सिर्फ धर्म ही नहीं बल्कि जीवंत विचारधारा है. सनातन को करीब से समझने के लिए महाकुंभ से बेहतर कोई दूसरी जगह नहीं हो सकती.
क्या बोले राज्यपाल
केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कुंभ के आयोजन में हर किसी को अपनी सहभागिता निभानी चाहिए. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अतिथि स्वरूप भगवान मानकर उनका सत्कार करना चाहिए. इस तरह की सेवा करने का मौका बिरले लोगों को ही मिलता है, इसलिए खुद को सौभाग्यशाली मानते हुए कुंभ के आयोजन और श्रद्धालुओं की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए.
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इस मौके पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद जी महाराज ने कहा कि यह कुंभ कई महीनो में बेहद महत्वपूर्ण है. कुंभ में चालीस करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं की जो भीड़ होगी, उसका सदुपयोग होना चाहिए. कुंभ के आयोजन से पर्यावरण को बचाने का बड़ा संदेश दिया जाना चाहिए. पर्यावरण को हरा भरा रखने और जल को बचा कर रखना का यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं को संकल्प दिलाना चाहिए. अगर इन बिंदुओं पर फोकस नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में जल और पर्यावरण का ऐसा संकट पैदा होगा कि ना तो कुंभ के आयोजन हो सकेंगे और ना ही हम कोई उत्सव मना सकेंगे.
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