Keshav Prasad Maurya: यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने दिल्ली के तुगलक लेन में स्थिति सरकारी आवास पर स्वामी विवेकानंद मार्ग लिख दिया है, जबकि अभी तक इस सड़क का नाम नहीं बदला गया है. जिसे लेकर सियासत गरमा गई है. इस मामले पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि अब सही समय आ गया है कि दिल्ली ऐसे नामों को भी बदल दिया जाएगा.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, "दिनेश शर्मा हमारे वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने या किसी और नेता ने तुगलक रोड का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद जी का नाम लिखने का काम किया है तो मुझे लगता है कि ऐसे नामों को बदलने का दिल्ली में भी सही समय आ गया है अब दिल्ली में डबल इंजन की सरकार है, तुष्टीकरण वाली सरकार नहीं... इस कदम का स्वागत है."
केशव मौर्य का अखिलेश यादव पर हमला
केशव मौर्य ने इस दौरान महाकुंभ में नाव चलाकर पैसे कमाने वालों का नाम लेने पर अखिलेश यादव के बयान पर भी पलटवार किया और कहा कि उन्हें ये पता होना चाहिए कि ये सपा की सरकार नहीं है. उसने नाव चलाकर व्यापार किया है और उस व्यापार करने की बात को सीएम योगी ने सदन में कहा था. इसका मतलब ये नहीं कि उसे अपराधों से मुक्ति मिल गई है. अपराध जो किया है उस पर क़ानून अपना काम करेंगे. व्यापार जो किया है उसके बारे में कहा गया है. ये कोई गलत नहीं है.
वहीं इस पूरे विवाद पर राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा का बयान भी सामने आया है. उन्होंने नेम प्लेट पर तुगलक लेन के साथ इस स्वामी विवेकानंद मार्ग लिखने की प्रक्रिया का सामान्य बात कहा है. उन्होंने कहा कि "जब कोई किसी घर में जाता है तो नाम पट्टिका लगा दी जाती है. मैं वहां नहीं गया था, मैंने नहीं देखा था, इसलिए जब मुझसे पूछा गया कि नेम प्लेट कैसी होनी चाहिए तो मैंने कहा कि आसपास के घरों पर जैसी हो वैसी ही बना दीजिए.
नेम प्लेट विवाद पर दिनेश शर्मा का बयान
दिनेश शर्मा ने कहा कि आस-पास के घरों पर विवेकानंद मार्ग लिखा था और नीचे तुगलक लेन लिखा था, दोनों एक साथ लिखे थे. नेमप्लेट पर आज भी तुगलक लेन लिखा है और सुविधा के लिए विवेकानंद मार्ग लिख दिया है. मैंने कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि गूगल पर वह स्थान विवेकानंद रोड आता है, ऐसा इसलिए लिखा है ताकि लोगों को विवेकानंद रोड और तुगलक लेन में भ्रम न हो... मैं जानता हूं कि सांसद को सड़क का नाम बदलने का अधिकार नहीं है. ये राज्य सरकार और नगर निकाय का काम है.
भाजपा सांसद ने कहा कि मुझे इसे बदलने का न अधिकार था, न है, न मैंने किया है. जो आसपास के घरों पर लिखा होगा पेंटर ने वही नाम लिख दिया. इसका मतलब ये नहीं है कि मैंने किसी जगह का नाम बदला है. हालांकि ये बात सही है कि लोगों की लंबे समय से ये मांग रही है कि जो आक्रांता रहे हैं उनके नाम पर रोड नहीं होना चाहिए. लेकिन इस बदलने का अधिकार जनता के पास नही हैं.
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