UP Politics: सपा-कांग्रेस की सियासी लड़ाई में दूर से मजे ले रही है BJP, केशव मौर्य समेत इन नेताओं के आए बयान
UP Politics: मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस और सपा एक दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं, जिसका सबसे ज़्यादा मजा भारतीय जनता पार्टी ले रही है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 'इंडिया' गठबंधन के दो घटक दलों समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच की जुबानी जंग निजी छींटाकशी तक पहुंच चुकी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadva) ने कांग्रेस के अजय राय को 'चिरकुट' नेता कहा, तो कमलनाथ ने उन्हें 'अखिलेश वखिलेश' कहकर बुलाया, जिसके बाद दोनों पार्टियों की तल्खी बढ़ती जा रही है. कांग्रेस-सपा की इस सियासी बयानबाजी का सबसे ज्यादा मजा भारतीय जनता पार्टी ले रहे हैं. बीजेपी (BJP) के बड़े नेताओं ने इस गठबंधन पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.
यूपी की डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ के दिए बयान पर तंज कसा और कहा कि उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था और एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. केशव मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, समाजवादी पार्टी के मुखिया हैं अखिलेश यादव. मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का उनको ‘अखिलेश-वखिलेश’ कहना उचित नहीं है. उनका नाम सम्मान से लिया जाना चाहिए."
शिवराज सिंह चौहान ने भी कसा तंज
केशव मौर्य के तरह ही मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सपा-कांग्रेस की लड़ाई पर का मजाक उड़ाते हुए कहा कि कांग्रेस के धोखे से अखिलेश यादव कितने दुखी हैं उनके मन की स्थिति समझी जा सकती है, इसलिए उन्होंने चिरकुट जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है. शिवराज चौहान ने कहा कि, "अखिलेश यादव ने जो कहा है कि कांग्रेस ने सपा को एक साल तक धोखे में रखा, बातें करते रहे और बाद में धोखा दे दिए, उनके कार्यकर्ता रातभर जगे, उन्हें बिठाया और जिस तरह के शब्दों का उन्होंने इस्तेमाल किया 'चिरकुट' जैसे इससे उनके मन की स्थिति समझी जा सकती है कि कांग्रेस ने उन्हें कितना धोखा दिया है."
दरअसल मध्यप्रदेश में सीटें न मिलने से नाराज अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्होंने अजय राय को चिरकुट नेता कहा, वहीं छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ से जब कांग्रेस और सपा में चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों को लेकर जब पूछा गया तो उन्होंने ऐसा बयान दे दिया जिस पर विवाद और बढ़ गया. कमलनाथ ने उन्हें 'अखिलेश, वखिलेश' कहकर बुलाया, जिससे सपा कार्यकर्ता भी भड़क उठे हैं.