Keshav Prasad Maurya on Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में इन दिनों समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जातिगत जनगणना (Caste Census) के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी पहले इसका समर्थन किया. लेकिन अब वो अपने बयान से पलट गए हैं. उन्होंने सपा प्रमुख को चेतावनी देते हुए कहा कि उनका काला चिट्ठा जल्द खोलूंगा.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव अगर जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं तो इसका मतलब वो जाति के हिसाब से न्याय देने की बात कर रहे हैं. हालांकि उनका काला चिट्ठा जल्द खोलूंगा. पहले वह अपनी पार्टी के अंदर न्याय करें. सैफई परिवार के बाहर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें. किसी और को ना सही तो अपने प्रदेश अध्यक्ष को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें. वहां से शुरुआत करें. डिप्टी सीएम ने कहा कि जब अखिलेश उत्तर प्रदेश की सरकार में थे, देश की सरकार कांग्रेस की अगुवाई में इनकी बैसाखी पर चल रही थी, तब यह याद नहीं आया. आज देश के प्रधानमंत्री एक गरीब मां बाप के बेटे, जो पिछड़ वर्ग से आते हैं देश को जितनी तेजी से आगे बढ़ाने का काम उनके नेतृत्व में हो रहा. ऐसे समय में सपा की यह मांग इनकी कोई श्रद्धा जातीय जनगणना यानी पिछड़ों या दलितों के लिए नहीं है. बल्कि कैसे इनका राजनीतिक लाभ मिल जाए 2024 के चुनाव में इसे लेकर है. लेकिन जनता इन्हें सजा देने का तय करके बैठी है. यह कभी परिवारवाद, जातिवाद, गुंडे, माफियाओं से बाहर नहीं निकल सकते. इनका चरित्र आज भी सदन ने देखा है, पूरे प्रदेश, देश ने देखा है.
सपा का सफाया होने जा रहा है- मौर्य
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आज सदन के पहले और सदन के दौरान सपा के विरोध प्रदर्शन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सदन की शुरुआत के पहले जो सपा ने प्रदर्शन किया था वह उनका मीडिया इवेंट था, कैसे मीडिया में जगह पाएं और मीडिया ने दिखाया भी. लेकिन सदन के अंदर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान उनका आचरण बहुत घटिया और महिला विरोधी आचरण रहा. जो नए सदस्य चुनकर आए हैं उनके हाथ में तख्तियां देखी जाएं तो समझ आता है, लेकिन अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और जितने भी इनके वरिष्ठ हैं वह भी तख्तियां लिए थे. ऐसा विरोध कर रहे थे जैसे राज्यपाल के अभिभाषण का मतलब सपा का सफाया होने जा रहा है. ये उत्तर प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं कर सकती. इनके आचरण की सजा वैसे तो चुनाव में 4 बार जनता दे चुकी है लेकिन फिर भी यह लोग नहीं सुधर रहे हैं. इनको इतिहास के पन्नों में दर्ज करने का काम जनता करेगी.
विरोध दर्ज कराने का सबको अधिकार है- केशव मौर्य
केशव मौर्य ने कहा कि सबको अधिकार है विरोध दर्ज कराने का. विपक्ष रचनात्मक भूमिका भी अदा करता. लेकिन यह अपराधी, माफिया, गुंडों की तरह अपना आचरण प्रस्तुत करते हैं जो गलत है. उन्हें अगर कोई बात कहनी तो सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार बैठी है. राज्यपाल का अभिभाषण था, सदन में हंगामा क्यों किया. एक महिला राज्यपाल का अपमान क्यों किया? अगर ऐसा करने की जगह सवाल उठाते, अभिभाषण को पढ़ते, उस पर सवाल करते तो चर्चा होती, सरकार सुनेगी भी जवाब भी देगी.