UP Politics: क्या 2017 में मुख्यमंत्री नहीं बन पाने का केशव प्रसाद मौर्य को है दर्द? खुद दिया ये जवाब
यूपी में 2017 में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के सवाल पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने जवाब दिया है.
UP News: उत्तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) ने 2017 में 24 सालों के लंबे वनवास के बाद सरकार बनाई थी. तब बीजेपी को अकेले राज्य में 303 सीटों पर जबरदस्त जीत मिली थी. तब यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) थे. उनके नेतृत्व में ही पार्टी को ये जीत मिली थी. तब उन्हें मुख्यमंत्री (Chief Minister) का दावेदार माना जा रहा था. लेकिन पार्टी ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को राज्य की कमान सौंपी थी.
अब एबीपी न्यूज के शो प्रेस कांफ्रेंस में केशव प्रसाद मौर्य ने इस संबंध में जवाब दिया है. शो के दौरान उनसे पूछा गया कि क्या आपको 2017 में सीएम न बन पाने का दर्द है. इसपर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "ये आपको लगता होगा, मुझे लगता है कि मैं पहली बार विधायक बना. विधायक रहते हुए लोकसभा का चुनाव लड़ा था. चुनाव जीतने के बाद मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. अध्यक्ष रहते हुए हमें इतनी बड़ी जीत मिली थी."
जीत पर दिया ये जवाब
डिप्टी सीएम ने कहा, "ये मेरी जीत नहीं थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इतना क्रेज है कि उनके नाम पर ईवीएम मशीन कमल के फूल से लबालब हो जा रही है. हमारे विरोधी चारों खाने चीत हो जाते हैं." वहीं विभाग बदले जाने पर उन्होंने कहा, "ये मेरा अनुभव बढ़ाने वाला कम हो गया है. यूपी में ग्राम विकास का मतलब है, जहां 75 फीसदी ग्रामीण क्षेत्र की आबादी रहती है. ग्राम विकास के माध्यम से जो काम हम कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "मुझे जितना सुख यूपी की जनता का सेवा करने के लिए इस विभाग से मिला है, अन्य विभागों से नहीं मिल पाता. हम आपसी समन्वय और योगदान के साथ मिलकर विकास का काम कर रहे हैं. मेरे अंदर कोई दर्द नहीं है. मैं खुशी से एकदम झुम रहा हूं." दरअसल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पास पिछली बार सरकार में पीडब्ल्यूडी विभाग था, जबकि इस बार उनके पास ग्रामीण विकास विभाग है.
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