Mainpuri By-Election 2022: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) इटावा (Etawah) की जसवंत नगर विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी (BJP) के समर्थन में जनसभा करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर हमला बोला. केशव मौर्य ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अखिलेश यादव तो अपनी जमीन खो ही चुके हैं, वहीं चाचा शिवपाल जो खुद को जसवंत नगर व इटावा का मिनी मुख्यमंत्री बताते थे आज सुरक्षा कम होने पर बिलबिला रहे हैं. केशव मौर्य ने बातों ही बातों में गोमती रिवर फ्रंट मामले में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें जेल भेजने तक की बात कह डाली. 


अखिलेश-शिवपाल यादव पर हमला
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जसवंतनगर विधानसभा के ताखा ब्लॉक में मैनपुरी से बीजेपी प्रत्याशी रघुराज शाक्य के समर्थन में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे. इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए वो सपा परिवार पर जमकर बरसे. केशव मौर्य ने गोमती रिवर फ्रंट का जिक्र करते हुए कहा कि अभी तो जांच चल रही है. हो सकता है जांच में दोषी पाए जाने पर चाचा-भतीजे की जिंदगी जेल में ही बीते. उन्होंने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि एक-एक भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. 


केशव मौर्य ने कहा कि नेता जी के निधन से हम लोग भी दुखी थे. हमारे प्रधानमंत्री, हमारे मुख्यमंत्री और हम लोग नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने आए थे लेकिन हमारे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी का भी निधन हुआ था, यह लोग क्या उनके लिए श्रद्धांजलि भी अर्पित नहीं कर सकते थे. उन्होंने कहा कि इनके संस्कार कैसे हैं आप सब ने देखा, जब विधानसभा में सदन की कार्रवाई चल रही थी तब सभी लोगों ने अखिलेश यादव के संस्कार देखें और अब उनके चुनावी चाचा का भी अहंकार बोलने लगा है. रघुराज शाक्य के लिए कल जो बोला है मैं उनको गाली का जवाब गाली से नहीं देना चाहता. आप सब 5 तारीख को कमल का बटन दबा कर उनको जवाब देने का काम करेंगे. 


परिवारवाद को लेकर साधा निशाना
डिप्टी सीएम ने कहा कि जसवंत नगर विधानसभा, मैनपुरी लोकसभा को सपा परिवार ने बंधक बनाकर रखा हुआ था. समाजवाद का मतलब परिवारवाद नहीं होता है. समाजवाद का मतलब होता है 'सबका साथ, सबका विकास, सबका सम्मान' होता है. ये अगर बूथ कब्जा न करें तो ये चुनाव नहीं जीत सकते. हम दावे से कहते हैं कि यहां पर 65% वोट हमारा है और बाकी 35% में भी बंटवारा है और बंटवारे में भी वोट हमारा है. उन्होंने कहा कि वो कभी नहीं चाहेंगे कि पिछड़ी जाति एवं अनुसूचित जाति से ऐसे लोग आगे आए जो सैफई परिवार को टक्कर दे सके.


गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया


केशव मौर्य ने यहां मायावती के बहुचर्चित गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया और कहा कि इन्हीं लोगों ने मायावती जी की इज्जत को तार-तार करने की कोशिश की थी. सैफई से ही सपा शुरू हुई थी और सैफई से ही समाजवादी पार्टी को समाप्त वादी पार्टी बनाने का काम करना है. इनको लगता था कि पूरा उत्तर प्रदेश इनकी जागीर है. हत्या, लूट, अपहरण इनका पूरा का पूरा इतिहास काला है. उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर तक हमें कुछ नहीं बोलना है लेकिन 8 दिसंबर के बाद किसी भी अपराधी, किसी भ्रष्टाचारी को छोड़ेंगे भी नहीं.

रामगोपाल यादव द्वारा चुनाव आयोग में शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए केशव मौर्य ने कहा कि कल इनके एक और चाचा प्रो. रामगोपाल यादव चुनाव आयोग गए थे, कह रहे थे कि यहां पुलिस वाले सपा के गुंडों को बहुत परेशान कर रहे हैं. ये तो वही कहेंगे जो इनका इतिहास रहा है. हम तो बस निष्पक्ष चुनाव कराना चाहते हैं. आप लोग चुनाव के बाद डिंपल यादव, अखिलेश यादव या उनके चुनावी चाचा शिवपाल सिंह यादव से नहीं मिल सकते और पता नहीं ये अब जेल चले जाएं तो उनसे मिलने जेल जाना पड़ेगा.


पेंडुलम वाले बयान पर किया पलटवार
केशव मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिवपाल जी पेंडुलम की तरह हो गए है उस पर अखिलेश यादव ज्ञान देने लगे कि योगी जी ने फिजिक्स नहीं पड़ा है ऐसा लगता है मानो अखिलेश यादव फिजिक्स के प्रोफेसर रहे हो. मुख्यमंत्री जी ने वही कहा जो इन्होंने किया है. ये तो ऐसे पुत्र रहे हैं जो अपने पिता के नहीं हुए, चाचा के नहीं हुए और अपने भाई धर्मेंद्र यादव के नहीं हुए. उन्हें आजमगढ़ चुनाव लड़ने भेज दिया और 1 घंटे भी प्रचार के लिए आजमगढ़ नहीं गए और अब गली गली वोट मांगते फिर रहे हैं कि वोट दे दो.. वोट दे दो... बगुला भगत बने फिर रहे हैं. 

डिप्टी सीएम ने कहा कि हम लोगों ने भी चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे निष्पक्ष रुप से चुनाव हो सके. गुंडों के खिलाफ बूथ कैप्चरिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होना क्या गलत है. अब सही कार्रवाई हो रही है तो इन्हें दर्द हो रहा है. रामपुर, आजमगढ़, बदायूं, कन्नौज, मैनपुरी को ये अपनी जागीर समझते थे. अब इनके चाचा आजम खां भी रो रहे है. घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं कि हमे जेल भेज दिया लेकिन इन्होंने भी रामपुर के लोगों को खून के आंसू बहाए है. अखिलेश रामपुर गए है, सिर्फ इसलिए कि वो सोचते है कि उनके वहां जाने से यहां का मुसलमान उन्हें वोट दे देगा लेकिन ऐसा नहीं होगा. 


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