UP BY Election 2024: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसी बीच नगीना सांसद चंद्रेशखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (K) ने खैर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. जाटलैंड कही जाने वाली खैर सीट से आसपा (कां) ने नितिन कुमार चौटेल को उम्मीदवार घोषित किया है.
यूपी उपचुनाव को लेकर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की तरफ से जारी हुई प्रेस रिलीज के अनुसार पार्टी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद के निर्देश के अनुसार उपचुनाव में दस सीटों में से सात सीटों के प्रभारी पूर्व में ही घोषित किए जा चुके हैं. इसके साथ ही इस प्रेस रिलीज में कहा गया कि "आज जनपद अलीगढ़ से नितिन कुमार चौटेल को प्रभारी घोषित किया जाता है. अतः पार्टी के समस्त पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील है कि पार्टी द्वारा घोषित किये गये नितिन कुमार चौटेल को तन,मन, धन का सहयोग प्रदान करें."
अब तक क्या रहा खैर सीट का रिजल्ट
अगर खैर सीट पर अब तक हुए चुनावों पर नजर रखी जाए तो साल 1967, 1974 और 1980 में कांग्रेस को यहां जीत मिली. इसके बाद साल 1985 में लोकदल और 1989 में जनता दल के खाते में जीत आई. साल 1991 में रामलहर में यहां भाजपा का खाता खुला जब चौधरी महेंद्र सिंह को जीत मिली. इसके बाद 1993 में सीट जनता दल के पास चली गई और साल 1996 में भाजपा ने चौधरी चरण सिंह की बेटी ज्ञानवती को उम्मीदवार बनाया और ज्ञानवती जीत गईं.
अनूप प्रधान ने 23 साल बाद खिलाया था कमल
इसके साथ ही साल 2002 में बसपा से प्रमोद गौड़ जीते फिर 2007 में रालोद ने यह सीट अपने खाते में डाल ली. साल 2008 के परिसीमन के बाद खैर सीट सुरक्षित हो गई, लेकिन साल 2012 के चुनाव में भी रालोद को जीत मिली. इस सीट पर अनूप प्रधान ने 2017 में करीब 23 साल बाद कमल खिला दिया और फिर साल 2022 में भी अनूप प्रधान जीते.
जानें खैर सीट का जाति समीकरण
वहीं अगर खैर सीट पर जातिगत समीकरण की बात की जाए तो इस सीट पर लगभग 1.15 लाख जाट और 60 हजार से अधिक ब्राह्मण वोटर हैं. इसके साथ ही एससी वोटरों की कुल संख्या 1 लाख से ऊपर है और करीब 40 हजार वैश्य और करीब 30 हजार मुस्लिम वोटर हैं.
क्यों हो रहा है इस सीट पर उपचुनाव
अलीगढ़ की खैर सीट पर साल 2022 में बीजेपी उम्मीदवार अनूप प्रधान जीत हासिल की थी. वहीं बीजेपी ने फिर साल 2024 के लोकसभा चुनाव में हाथरस सीट से अनूप प्रधान को टिकट दिया और उन्होंने हाथरस लोकसभा सीट पर जीत हासिल की. उनके सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई और इस पर उपचुनाव होना है.
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