(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP By Election 2024: खैर विधानसभा में बुजुर्ग और दिव्यांगो के लिए विशेष व्यवस्था, घर पर ही कर सकेंगे मतदान, 6 टीम गठित
UP By Polls 2024: खैर विधानसभा उपचुनाव में 85 वर्ष से अधिक आयु और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. इन मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान की जा रही है.
UP BY Polls 2024: चुनाव को लेकर लगातार चुनाव आयोग की तरफ से कई बार ऐसी पहल की जाती है,जिसको लेकर दिव्यांग वोटर व वरिष्ठ वोटर इस पहल की जमकर प्रशंसा करते रहते हैं.ऐसा ही मामला खैर विधानसभा के उपचुनाव को लेकर देखने को मिला है. जहां उपचुनाव को लेकर लगातार अधिकारियों के द्वारा वोटरों का खास ख्याल रखा जा रहा है. कुछ वोटर ऐसे हैं जो पोलिंग बूथ तक पहुंच नहीं सकते, उनको लेकर अधिकारियों के द्वारा बड़ी रूपरेखा तैयार की गई है.
विधानसभा खेर में निर्वाचन अधिकारी महिमा सिंह राजपूत की तरफ से ऐसे वोटरों के लिए उनके घर से ही वोट डलवाने का काम किया जा रहा है. जिसको लेकर लगातार अधीनस्थों को दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं.दरअसल अलीगढ़ जिले की 71-खैर विधानसभा उप-निर्वाचन के तहत 85 वर्ष से अधिक आयु और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. इन मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान की जा रही है, जिसके अंतर्गत 53 मतदाता—31 वरिष्ठ नागरिक और 22 दिव्यांग व्यक्ति अपने घरों से ही मतदान कर सकेंगे.
क्या बोली निर्वाचन अधिकारी महिमा राजपूत
निर्वाचन अधिकारी (आरओ)एवं एसडीएम महिमा राजपूत ने बताया कि 5 एवं 6 नवंबर को ये मतदाता घर पर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए 6 टीमें गठित की गई हैं.अलीगढ़ मुख्यालय से रवाना होने वाली ये टीमें प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक सेक्टर अनुसार घर-घर जाकर मतदान कराएंगी. यह व्यवस्था उन मतदाताओं के लिए की गई है जो अपनी शारीरिक सीमाओं के कारण मतदान केंद्र पर उपस्थित नहीं हो सकते.
टीमों का कार्य और जिम्मेदारी
हर टीम में चुनाव से संबंधित अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है, ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू एवं निष्पक्ष रहे. मतदाताओं को चुनाव की गोपनीयता और सुरक्षा का पूर्ण विश्वास दिलाया गया है.निर्वाचन आयोग के इस कदम से जहां वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाता अपने घर से ही वोट डाल सकते हैं, वहीं इसे चुनावी लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक भी माना जा रहा है.निर्वाचन आयोग की ओर से यह प्रयास किया गया है कि अधिक से अधिक लोग मतदान में भाग ले सकें.
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