गढ़वाल में कांग्रेस के खंडूड़ी बनाम भाजपा के रावत के बीच मुकाबला, दिलचस्प है ये सात बार का संयोग
बीसी खंडूड़ी के चुनावी मैदान में उतरने से इनकार करने के बाद भाजपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत को टिकट दिया है। ऐसा पहली बार है जब खंडूड़ी नाम का कोई प्रत्याशी कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में होगा।
देहरादून, एबीपी गंगा। उत्तराखंड की गढ़वाल सीट पर इस बार नए चुनावी समीकरण बने हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। खंडूड़ी के चुनावी मैदान में उतरने से इनकार करने के बाद भाजपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत को टिकट दिया है। ऐसा पहली बार है जब खंडूड़ी नाम का कोई प्रत्याशी कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में होगा। इससे पहले बीसी खंडूड़ी भाजपा की टिकट पर ही चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन मनीष के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
बतादें कि गढ़वाल सीट पर अब तक छह बार खंडूड़ी बनाम रावत के बीच मुकाबला हो चुका है। 2019 में ये सातवीं बार होगा जब चुनाव खंडूड़ी vs रावत होगा। हालांकि ये मुकाबला इस बार कांग्रेस के खंडूड़ी बनाम भाजपा के रावत के बीच होगा।
कब-कब हुआ खंडूड़ी vs रावत गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में खंडूड़ी vs रावत जंग की शुरुआत 1991 में हुई थी। 91 में भाजपा ने मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी को टिकट दिया था। खंडूड़ी ने कांग्रेस के सतपाल सिंह रावत उर्फ सतपाल महाराज को हराया था। पांच साल बाद हुए आम चुनाव में फिर बीसी खंडूड़ी और सतपाल रावत के बीच मुकाबला हुआ, लेकिन इस बार तिवारी कांग्रेस की टिकट पर लड़े रावत ने खंडूड़ी को करीब 15 हजार मतों के अंतर से हरा दिया। इसके बाद खंडूड़ी ने लगातार 98 और 99 के चुनाव में सतपाल रावत को मात दी।
2004 में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदला, लेकिन इस बार भी लड़ाई खंडूड़ी बनाम रावत के बीच हुई। कांग्रेस ने तेजपाल सिंह रावत को उम्मीदवार बनाया, लेकिन वो खंडूड़ी से चुनाव हार गए। 2014 के चुनाव में भाजपा ने फिर बीसी खंडूड़ी पर दांव खेला और कांग्रेस ने हरक सिंह रावत पर। इस बार भी खंडूड़ी रावत पर बीस साबित हुए और चुनाव जीत गए। अब 11 मार्च को होने जा रहे चुनाव में भी जंग खंडूड़ी बनाम रावत के बीच होने जा रही है।