UP: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में अयोग्य ठहराए गए बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की सजा पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति समित गोपाल अब मामले की सुनवाई सोमवार को करेंगे. उच्च न्यायालय एमपी/एमएलए कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रहा था जिसमें सैनी को दोषी ठहराया गया था. 


मुजफ्फरनगर  दंगे में 60 लोगों की हुई थी मौत
मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने 11 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक सैनी और 10 अन्य को 2013 के दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने हत्या के प्रयास के आरोप से सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. मुजफ्फरनगर के दंगे पड़ोसी जिलों में भी फैल गए. इसमें 62 लोग मारे गए थे और 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए थे.


पांच दिसंबर को खतौली सीट पर होना है  उपचुनाव
मुजफ्फरनगर की एक अदालत द्वारा बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को सजा सुनाए जाने के लगभग एक महीने बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र खतौली को रिक्त घोषित कर दिया गया था. इस सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होना है. उपचुनाव के लिए बीजेपी ने रालोद के मदन भैया के खिलाफ सैनी की पत्नी राजकुमार सैनी को मैदान में उतारा है. राज्य की ओर से पेश शासकीय अधिवक्ता अंकित श्रीवास्तव ने सजा स्थगित करने की प्रार्थना का विरोध किया.


ट्रायल कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
दरअसल ट्रायल कोर्ट ने सजा सुनाए जाने के बाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने तक अंतरिम जमानत दी थी. स्पेशल कोर्ट से दो साल की सजा सुनाए जाने के  खिलाफ विक्रम सैनी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने नियमित जमानत को मंजूर किया था.


4 नवंबर को रद्द हुई विधानसभा सदस्यता
मुजफ्फरनगर जिले की खतौली सीट से बीजेपी के टिकट पर विक्रम सैनी विधायक निर्वाचित हुए थे. मुजफ्फरनगर की स्पेशल कोर्ट ने 11 अक्टूबर को विक्रम सैनी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. 2 साल की सजा मिलने की वजह से 4 नवंबर को उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.


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