UP News: उत्तर प्रदेश के खतौली उपचुनाव (Khatauli By-Election) में कौन होगा पास और कौन होगा फेल? इसकी तस्वीर कल साफ हो जाएगी. खतौली में जब गुरुवार को ईवीएम का पिटारा खुलेगा तब ये साफ होगा कि किसके दावे मजबूत थे और किसके खोखले. फिलहाल मुजफ्फरनगर की कूकड़ा मंडी में कड़े सुरक्षा पहरे में रखी ईवीएम पर सबकी नजर हैं.


मतगणना से एक दिन पहले तक हर दल, उसके समर्थक अपने प्रत्याशी को जिताने में हर आंकड़े को अपने हिसाब से फिट बैठा रहें हैं. आरएलडी के नेता जयंत चौधरी के लिए ये चुनाव बेहद अहम है क्योंकि यहां यदि जीत की कहानी लिखी गई तो पश्चिम में कद और वजूद दोनों बढ़ जाएंगे. जबकि बीजेपी जीती तो उसका विजय रथ विपक्ष को हराता हुआ और आगे बढ़ जाएगा. प्रत्याशी भी अपनी जीत को लेकर ऐसा भरोसा जाता रहे हैं कि जिसमें हार की गुंजाइश दूर-दूर तक नजर ही नहीं आ रही है. 


आरएलडी-बीजेपी में है मुकाबला


पूर्व विधायक विक्रम सैनी अपनी पत्नी राजकुमारी सैनी की जीत का दावा कर रहे हैं जो कि बीजेपी की प्रत्याशी हैं. खतौली में आरएलडी और बीजेपी में जैसा कड़ा मुकाबला इस बार हुआ है वैसा कभी देखने को नहीं मिला. खास तौर से ऐसा उपचुनाव भी नहीं हुआ है, जिसमे पूरी सरकार ने ही खतौली में ताकत लगाई गई थी. हर बूथ पर मजबूत सिपहसलार लगाए गए थे. इन्ही सिपहसलारों में से एक हैं जिला पंचायत अध्यक्ष वीरवाल निर्वाल जिनका कहना है कि 10-12 हजार के अंतर से जीत का दावा किया है. उधर, आरएलडी को पूरा भरोसा है मदन भैया की नैया पार लग जाएगी और बीजेपी को यकीन है की राजकुमारी सैनी जीतकर विधानसभा जा रहीं हैं.


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