UP News: खतौली (Khatauli) विधानसभा उपचुनाव में आरएलडी (RLD)ने जो नया समीकरण बनाया है, उससे दिल्ली पर निशाना साधने की बड़ी रणनीति दिखाई दे रही है. खतौली में आरएलडी ने जाट गुर्जर और मुस्लिमों का जो फार्मूला अपनाया उस फार्मूले को आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के सहारे किले में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है. खतौली पश्चिम की सियासत का कुरुक्षेत्र बना है. आरएलडी ने बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए जहां मदन भैया (Madan Bhaiya) को मैदान में उतारा वहीं सपा से गठबंधन के साथ आजाद समाज पार्टी को भी इस गठबंधन में शामिल कर नए समीकरण की शुरुआत की है.
ये ऐसा मौका था जब खतौली के रण में जयंत चौधरी और चंद्रशेखर एक मंच पर थे और दोनों का मकसद मदन भैया को जिताना है. इसे उनकी उपचुनाव के सहारे बीजेपी की 2024 में राह मुश्किल करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. जयत के भाषण ने ये साफ भी किया कि खतौली से दिल्ली पर निशाना लगाना है. जंयत चौधरी ने कहा, 'जीत पक्की करने को नहीं है ये गठबंधन. हम यहां से दिल्ली तक का समीकरण बिगाड़ देंगे.' चंद्रशेखर के तेवर भी बीजेपी को लेकर आक्रामक दिखे. उन्होंने कहा, 'खतौली का उपचुनाव बीजेपी के अहंकार के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम करेगा.'
चंद्रशेखर ने किया किसान आंदोलन का जिक्र
चंद्रशेखर आजाद ने हाथरस की घटना और किसान आंदोलन में मारे गए किसानों का जिक्र कर सियासी पारा और चढ़ा दिया. चंद्रशेखऱ ने कहा, ' खतौली का रिजल्ट किसान आंदोलन में शहीद किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि देगा.' जयंत और चंद्रशेखर के भाषण नपे तुले थे. खतौली में जीत की कहानी लिखने को दोनों ही नेताओं ने कोई मौका नहीं गंवाया लेकिन इतना भी साफ है खतौली से दिल्ली पर निशाना साधने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी यानी ये गठबंधन का नया फार्मूला कामयाब हुआ तो फिर 2024 में भी इसी गठबंधन के सहारे दिल्ली में नई सियासी समीकरण बैठाए जाएंगे.
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