UP News: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को कहा कि खतौली (Khatauli) सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक विक्रम सिंह सैनी (Vikram Singh Saini) ने मुजफ्फरनगर की गरिमा और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपनी विधानसभा सदस्यता गंवाई है. खतौली सीट से दो बार बीजेपी विधायक रहे सैनी को वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के चलते उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है.  इसी वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है जिसके तहत आगामी 5 दिसंबर को मतदान होगा.


बीजेपी ने इस उपचुनाव में सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को उम्मीदवार बनाया है. सीएम ने बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि विक्रम सैनी ने स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के लिए अपनी सदस्यता गंवाई.  उन्होंने कहा कि राजनीतिक मुकदमे में तत्कालीन सपा सरकार ने उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए और पेशेवर दंगाइयों को उसने प्रश्रय दिया और राष्ट्रीय लोकदल 'दाल में तड़का डाल रहा था'


कवाल का बवाल सपा का कलंक - सीएम योगी


सीएम योगी ने मुजफ्फरनगर दंगे भड़कने का कारण बताई जाने वाली कवाल गांव में तीन युवकों की हत्या के मामले का जिक्र करते हुए कहा, 'कवाल का बवाल सपा का कलंक है. यह सपा और राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त गठबंधन सरकार की देन थी, जो क्रूर अत्याचार नौजवानों और स्थानीय लोगों पर किया गया.' सीएम ने कहा, 'कवाल के बवाल के समय जब विक्रम सैनी जेल में थे तो राजकुमारी सैनी अकेले मजबूती से लड़ रही थीं और वह मूल्यों और मुद्दों से भटकी नहीं. वह गृहस्थी और गांव को बढ़ाते हुए तानाशाह सरकार के खिलाफ लड़ती रहीं. आप हिम्मत से रहिए, जो कमी होगी हमारा बुलडोजर पूरी कर देगा.'


सीएम योगी ने चौधरी चरण सिंह को किया याद


उन्होंने कहा कि कवाल के बवाल के समय सपा के नेता नहीं आ सकते थे, लेकिन लोकदल के नेता कहां थे. सीएं योगी ने कहा कि पहले कैराना और कांधला में ‘गुंडा टैक्स’ वसूली होती थी तथा सपा और लोकदल की जोड़ी फिर से ‘गुंडा टैक्स’ शुरू करने की साजिश रच रही है जो तालिबान जैसा शासन चाहती है, लेकिन ‘डबल इंजन’ की सरकार गुंडागर्दी को पनपने नहीं देगी. सीएम योगी ने कहा 'हम जब किसानों के मसीहा की बात करते हैं तो चौधरी चरण सिंह का स्मरण करते हैं. चौधरी साहब राजनीति में हमेशा अपराधियों का विरोध करते थे. पेशेवर माफिया अपराधियों को प्रश्रय देने वाले लोग चौधरी साहब के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.'


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