Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद में शनिवार को किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के बैनर तले एक किसान मजदूर महापंचायत (Kisan Mazdoor Mahapanchayat) का आयोजन किया गया था. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (BKU national spokesperson Rakesh Tikait) ने मीडिया से बात करते हुए आवारा पशुओं को लेकर कहा कि गौशाला में पशु मरते हैं और उन आवारा पशुओं को कैद करके एक तरह से मारने का प्लान चल रहा है. 


बता दें कि आज खतौली विधानसभा क्षेत्र (Khatauli Assembly Constituency) में स्थित तहसील परिसर में किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया था. इसमें आस-पड़ोस के क्षेत्र से किसानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. इस पंचायत में किसानों को संबोधित करने पहुंचे बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री के पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया के तहत ही गन्ने का भुगतान भी होना चाहिए, साथ ही राकेश टिकैत ने सरकारों को चेताते हुए कहा कि देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है.


बिजली विभाग पर लगाया आरोप
राकेश टिकैत की मानें तो गन्ने के रेट नहीं हैं. हमने कहा है कि प्रधानमंत्री के पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया से हमारा भुगतान भी हो. दूसरा बिजली का एक बड़ा मुद्दा चल रहा है. बिजली विभाग छापे डालता रहता है और लोगों को परेशान करता है. बिजली के मीटर तेज रफ्तार से भागते हैं. चुनाव से पहले वे लोग घोषणा पत्र लेकर आए और उसमें लिखा कि आने वाले समय में अगर हमारी सरकार बनेगी तो हम मीटर लगाएंगे. 


एक बड़ा आंदोलन होगा-टिकैत
टिकैत ने कहा कि, पशुओं को कैद करके एक तरह से मारने का प्लान चल रहा है. गौशाला में पशु मरते हैं और सरकार उस पर कोई संज्ञान नहीं लेती है. 30 रुपये से बढ़ाकर इनके भोजन की ज्यादा व्यवस्था करनी पड़ेगी. पशुओं के हत्या की जिम्मेदारी भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक बड़ा आंदोलन तो होगा ही, यहां पर भी लोग आंदोलन के लिए सड़कों पर आ गए हैं. टिकैत ने कहा कि और भी बहुत से मुद्दे हैं, बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा है. 


सरकार खाप पंचायतों को लड़ा रही-टिकैत
टिकैत ने कहा कि, प्राइवेट सेक्टर धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं और किसानों की जमीनें छिनती जा रही हैं. सरकारों की बड़ी पॉलिसी है कि किसानों की जमीनें छीनी जाएं और इनको बेरोजगार किया जाए और फिर यह लोग सस्ते रेट में इंडस्ट्री में काम करेंगे. इन सब चीजों का पता चला है तो फिर बड़ा आंदोलन तो होगा ही. टिकैत ने कहा कि देश में फिर से बड़े आंदोलन की जरूरत पड़ेगी. देश कहां जा रहा है यह सबको पता है. उन्होंने कहा कि जैसे हल्द्वानी में 50 हजार लोगों के मकान तोड़ने का प्लान बना रहे हैं तो वे लोग कहां जाएंगे. सरकारों की नीति और विदेश पॉलिसी पूरी तरह से फेल हो रही है और भारत की इमेज खराब हो रही है. सरकार खाप पंचायतों को लड़ाने का काम कर रही है.


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