Khatima News: खटीमा में बढ़ता ही जा रहा है जंगली जानवरों का खतरा, वन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
Uttarakhand News: खटीमा उप वन प्रभाग के एसडीओ संतोष पंत ने बताया कि यह समय जंगली जानवरों का प्रजनन काल है जिसके चलते जंगली जानवर इन दिनों काफी हिंसक हो जाते हैं और जंगल गए लोगों पर हमला कर देते हैं.
Udham Singh Nagar News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) के सीमांत क्षेत्र खटीमा के जंगलों में मानव और वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते हुए मामलों के चलते वन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. जंगली जानवरों के प्रजनन काल के चलते हिंसक होने के कारण वन विभाग ने वन से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी कर बिना आवश्यक कारण के देर शाम या रात को अकेले जंगल ना जाने की ग्रामीणों को सलाह दी है.
उधम सिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है, यहां के जंगलों में काफी संख्या में जंगली जानवर निवास करते हैं. जिसके चलते बीते कुछ समय से खटीमा के जंगलों और उससे सटे आबादी क्षेत्रों में मानव और वन्यजीव संघर्ष के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें कई मामलों में मौत भी हो चुकी है और कई मामलों में जानवरों ने लोगों को बुरी तरह घायल भी किया है.
वन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
मानव वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों को देखते हुए वन विभाग ने वन क्षेत्र से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी कर आम जनता को बिना आवश्यक कारण के देर रात या शाम को अकेले जंगल ना जाने की सलाह दी है. साथ ही कहा कि यदि बहुत ही आवश्यक हो तो जंगल में ग्रुप में ही प्रवेश करें ताकि मानव वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं कम से कम हो क्योंकि इस समय जंगली जानवरों का प्रजनन काल चल रहा है जिसके चलते वह काफी हिंसक हो जाते हैं.
खटीमा उप वन प्रभाग के एसडीओ संतोष पंत ने बताया कि वर्तमान समय जंगली जानवरों का प्रजनन काल है जिसके चलते जंगली जानवर इन दिनों काफी हिंसक हो जाते हैं और जंगल गए लोगों पर जल्द हमला कर देते हैं. इससे मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं काफी हो रही हैं. इसलिए मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए वन विभाग द्वारा जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में मुनादी कराकर एडवाइजरी जारी की गई है और कहा गया है कि बिना आवश्यक कार्य के देर रात या शाम को ग्रामीण जंगल में ना जाएं यदि आवश्यक हो तो दिन में इकट्ठे होकर ही जंगल के अंदर प्रवेश करें. साथ ही जंगली जानवर दिखाई देने पर तत्काल वन विभाग को सूचित करें ताकि मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना घटित ना हो सके.
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