उत्तराखंड में खटीमा के यूपी सीमा से लगे सुरई वन रेंज में बाघ द्वारा लगातार दो ग्रामीणों को हमला कर मारे जाने की घटना से ग्रामीणों में भय का माहौल है. ग्रामीण घरों पर ताला लगाकर गांव छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. वहीं वन विभाग (Uttarakhand forest department) की कई टीमें लगातार वन क्षेत्र में गश्त कर रही हैं. ड्रोन और कैमरा ट्रैपिंग के द्वारा बाघ पर नजर रखी जा रही है. सुरई वन क्षेत्र के अंतर्गत सीमांत गांव झाऊपरसा बगुलिया में आदमखोर बाघ को पकड़ने में वन विभाग को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. 


पकड़ने का प्रयास किया जा रहा
उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर वन विभाग की टीम बाघ द्वारा ग्रामीण को मारे जाने की घटना के बाद से ही क्षेत्र में लगातार गश्त कर रही है. बाघ को पकड़ने के लिए घटना क्षेत्र में ही पिजड़ा लगा दिया गया है. साथ ही ड्रोन और कैमरा ट्रैप आदि के माध्यम से लगातार बाघ की लोकेशन खंगाली जा रही है लेकिन बाघ की अभी तक कोई भी लोकेशन नहीं मिल पाई है. 


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चारो तरफ डर का माहौल
वहीं 13 मई और 25 मई को बाघ के हमले में हुई 2 ग्रामीणों की मौत के बाद से ही ग्रामीणों में भारी दहशत और भय का माहौल है. कई परिवार अपने घरों में ताला लगाकर घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं. वहीं घटनास्थल के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भी भय के माहौल से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. बाघ के दहशत और भय से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आदमखोर हो चुका है और घटना के बाद से ही क्षेत्र में लगातार खौफ बना हुआ है. ग्रामीण  वन विभाग से लगातार आदमखोर हो चुके बाघ को पकड़ने की गुहार लगा रहे हैं. .


वन अधिकारी ने क्या बताया
वहीं सुरई वन रेंज अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि, वन कर्मियों की अलग-अलग टीमों द्वारा दिन-रात क्षेत्र में गश्त किया जा रहा है. ग्रामीणों को जंगल और डैम क्षेत्र में न जाने की हिदायत दी गई है. उन्होंने कहा कि ड्रोन और कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. वन रेंज अधिकारी ने जल्दी ही सफलता मिलने की उम्मीद जताई है.


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