Khatima News: जंगलों में होने लगा अतिक्रमण तो खेतों में घुसने लगे हाथी, फसलों को रौंदकर किया नष्ट
Khatima: खटीमा के वन क्षेत्र से सटे आबादी वाले इलाके में जानवरों और मानवों के बीच संघर्ष देखने को मिल रहा है और इसकी वजह जंगलों की हो रही कटाई को बताया जा रहा है.
Khatima Wildlife News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के खटीमा वन रेंज से सटे चकरपुर और छीनी गोठ में हाथियों ने आतंक मचाया हुआ है. इस आतंक से ग्रामीणों में भय का माहौल है. हाथियों ने गेहूं की फसल (Wheat Crop) को रौंदकर नष्ट कर दिया. वन विभाग (Forest Department) की मदद से हाथियों को भगाने में ग्रामीण जुटे हुए हैं. वहीं डीएफओ ने हाथियों को आबादी वाले क्षेत्र में आने से रोकने के लिए वन विभाग की टीम गठित की. ग्रामीणों को देर शाम जंगलों में ना जाने की अपील की.
तराई पूर्वी वन प्रभाग की खटीमा और किलपुरा वन रेंज हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में आता है. इस कॉरिडोर के कारण हाथियों का आवागमन वन से सटे आबादी वाले क्षेत्रों में होता रहता है. वे न केवल फसलों को नष्ट कर देते हैं बल्कि मानवों से उनके संघर्ष के मामले सामने आते हैं जिसमें मानव क्षति काफी संख्या में होती है. बीते कुछ समय से किलपुरा और खटीमा वन रेंज में हाथियों के झुंड आए हुए हैं. हाथियों के झुंड वन क्षेत्र से होते हुए चकरपुर के आबादी क्षेत्रों में साथ ही साथ छीनी गोठ के आबादी वाले क्षेत्रों में आ रहे हैं जिससे आम जनता का जीना दुभर हो गया है. बीती रात छीनी गोठ में हाथियों का झुंड आ गया, हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया.
फसल नष्ट होने पर ग्रामीणों को दिया जाता है मुआवजा
तराई पूर्वी डीएफओ संदीप कुमार ने मीडिया को बताया कि वन प्रभाग की खटीमा और त्रिपुरा रेंज हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत आती है. जिसके कारण इन क्षेत्रों में हाथियों का आवागमन होता रहता है. वन क्षेत्र से लगे इलाकों में काफी अतिक्रमण किया गया है जिसके चलते हाथी आबादी वाले क्षेत्रों में घुस जाते हैं और फसलों के साथ-साथ मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती हैं. वन विभाग द्वारा हाथियों द्वारा फसलें नष्ट करने पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाता है. ग्रामीणों से अपील की जाती है कि वे शाम को जंगल की तरफ न जाएं.
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