UP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow) में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUJ) का उद्घाटन किया. इस मौके पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सबसे पहले पीएम मोदी को सफल विदेश यात्रा की बधाई दी. उन्होंने कहा कि छह दिन में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के सामर्थ्य और शक्ति का एहसास वैश्विक स्तर पर देखा गया. पहली बार किसी देश के प्रधानमंत्री ने दूसरे देश के पीएम का पैर छूकर अभिनंदन किया.
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी को फिजी का सर्वोच्च सम्मान मिला, ऑस्ट्रेलिया में मोदी इज द बॉस कहा गया, भारतवासियों ने वो क्षण भी देखा जब अमेरिका का राष्ट्रपति पीएम मोदी का ऑटोग्राफ लेने की इच्छा जाहिर करता है. साथ ही सीएम ने यूपी को खेलो इंडिया के तीसरे संस्करण के आयोजन की जिम्मेदारी देने पर आभार पीएम मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि हर जिले में स्टेडियम और हर ब्लॉक में मिनी स्टेडियम बनाने को लेकर काम चल रहा है.
3 जून तक खेले जाएंगे 21 खेल
यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-गांव तक खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं. 3 जून तक के इस आयोजन में कुल 21 खेल होंगे. वाराणसी में 2, लखनऊ में 12, गौतम बुद्ध नगर में 5, गोरखपुर में एक और दिल्ली में एक खेल होगा. प्रदेश में 500 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है.
यूपी देश भर की खेल प्रतिभाओं का संगम बना- पीएम मोदी
इससे पहले पीएम मोदी ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का उद्घाटन करने के बाद कहा, "आज यूपी देश भर की खेल प्रतिभाओं का संगम बना है. इसमें जितने खिलाड़ी आए, उसमे अधिकांश अलग राज्यों और क्षेत्रों से हैं. मैं यूपी का सांसद हूं, यूपी की जनता का, जनप्रतिनिधि हूं, इसलिए यहां के जनप्रतिनिधि के नाते सबका स्वागत करता हूं. इसका समापन समारोह काशी में होगा. काशी का संसद होने के नाते मैं बहुत उत्साहित हूं. ये टीम स्पिरिट बढ़ाने, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना बढ़ाने का उत्तम माध्यम है."
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यूपी के अलग-अलग शहरों में होने वाले मैच में भी सबका एक-दूसरे से कनेक्शन बनेगा, जो खिलाड़ी यहां आए, वो ऐसा अनुभव लेकर जाएंगे जो जीवन भर यादगार पल बना रहेगा. पिछले 9 साल में भारत में खेल का नया दौर शुरू हुआ. खेल के माध्यम से समाज के सशक्तिकरण का नया दौर है. एक समय हमारे देश मे खेलों को लेकर उदासीनता का भाव था. स्पोर्ट्स करियर हो सकता है, ये काम लोग सोचते थे. इसका कारण स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और खिलाड़ियों की जरूरत पर ध्यान नहीं दिया जाता था, इसलिए माध्यम वर्ग, गांव के बच्चों के आगे बढ़ना मुश्किल था.
'सेटल होने की मानसिकता ने कितने महान खिलाड़ी खो दिए'
प्रधानमंत्री ने कहा कि माता-पिता भी सोचते के बच्चे उस तरफ जाए कि जीवन सेटल हो जाए. न जाने इस सेटल होने वाली मानसिकता ने कितने महान खिलाड़ी खो दिए होंगे, लेकिन अब मानसिकता बदली है. पिछली सरकारों का खेल को लेकर रवैये के सबसे बड़ा उदाहरण कॉमनवेल्थ खेल के दौरान हुआ घोटाला था, जो गेम्स विश्व में धाक जमाने के काम आ सकती थी, उसी में घोटाला कर दिया. पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान चलता था, जिसका नाम बाद में राजीव गांधी खेल अभियान कर दिया गया, लेकिन इसमें भी फोकस सिर्फ नाम बदलने पर था.
पीएम ने बताया कि हमारी सरकार स्पोर्ट्स इंफ्रा के लिए 3 हजार करोड़ खर्च कर चुकी है. 9 साल पहले की तुलना में इस साल का खेल बजट 3 गुना बढ़ाया है. गांव में भी सुविधाएं दी जा रही हैं. यूपी में भी स्पोर्ट्स बजट पर हजारों करोड़ खर्च किया जा रहा है. लखनऊ में स्पोर्ट्स सुविधाओं का विकास किया गया है. वाराणसी में सिगरा स्टेडियम नए रूप में सामने आ रहा है. अन्य शहरों में स्पोर्ट्स पर काम हो रहा है. खिलाड़ी जितना कम्पटीशन में हिस्सा लेते हैं, उन्हें लाभ होता है, टैलेंट निखरता है. कुछ साल पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स की शुरुआत का विस्तार अब यूनिवर्सिटी और विंटर गेम्स तक हो चुका है.
पीएम मोदी बोले- नियमों से चलना सिखाता है खेल
इस मौके पर पीएम मोदी ने यहा भी कहा कि कई सांसद अब सांसद खेल प्रतियोगिता कराते हैं. सरकार कदम-कदम पर खिलाड़ियों साथ हैं. हमारी शिक्षा नीति में स्पोर्ट्स अब पाठ्यक्रम का हिस्सा होने जा रहा है. देश के अनेक शहरों में खेलो इंडिया विमेंस लीग का आयोजन चल रहा है. इसमे 23 हजार महिला एथलीट हिस्सा ले चुकी है. आप सबने ऐसे समय खेल की दुनिया में कदम रखा जो भारत का कालखंड है. हम अक्सर खेल भावना की बात करते हैं. खेल भावना के मायने बहुत व्यापक हैं.
पीएम ने यह भी कहा कि खेल सामूहिक सफलता का संदेश देता है. मर्यादा का पालन करना और नियमों से चलना सिखाता है. कई बार हो सकता है कि निर्णय आपके खिलाफ हों लेकिन खिलाड़ी धैर्य नही छोड़ता. एक विजेता तब महान खिलाड़ी बनता है, जब उसके आचरण से समाज प्रेरणा लेता है.
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