लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। उत्तर प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद युद्धस्तर पर इस मोर्चे को संभाले हुए हैं। इस संकट की घड़ी में देश और प्रदेशवासियों के लिए फ्रिक में मुख्यमंत्री अपने पिता के अंतिम दर्शन तक करने तक नहीं पहुंच पाए थे।दूसरी तरफ ऐसे संकटकाल में राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है।लखनऊ के एक निजी अस्पताल में कोरोना के दो मरीजों की सूचना मिलने के बाद भी CMO को कार्रवाई करने में एक दिन का वक्त लग गया।
दो घंटे तक अस्पताल ने छिपाकर रखी जानकारी
अस्पताल भी करीब दो घंटे तक इस जानकारी को छिपाकर बैठा रहा, लेकिन फिर भी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। एबीपी गंगा को मिली जानकारी के अनुसार, 22 अप्रैल को लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल में किडनी के दो मरीज आये थे। 23 अप्रैल को दोनों मरीजों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर फारुख अंसानी के अनुसार, अस्पताल को शाम 7.39 पर रिपोर्ट मिली, जिसे रात करीब 9.32 बजे सीएमओ ऑफिस भेज दिया गया।
एक दिन बाद 24 अप्रैल को सीएमओ ने लिया एक्शन
इसके बाद 24 अप्रैल को ADM और CMO ने अस्पताल का निरीक्षण किया और उसकी डायलिसिस यूनिट, ओपीडी को बंद करने के निर्देश दिए। दोनों कोरोना मरीजों को SGPGI शिफ्ट किया गया।हॉस्पिटल में भर्ती अन्य सभी मरीजों, डॉक्टर्स पैरामेडिकल स्टाफ के सैंपल लिए गए।अस्पताल के अंदर से किसी के बाहर निकलने और बाहर से किसी के अंदर जाने पर रोक लगा दी गई, लेकिन इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन से लेकर CMO तक सभी की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।
चंदन हॉस्पिटल में भर्ती दो मरीज निकले संक्रमित
इस पूरे मामले में सबसे पहला सवाल ये है कि चंदन हॉस्पिटल को जब दोनों मरीजों की कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट मिली थी, तो उसकी सूचना करीब दो घंटे बाद सीएमओ ऑफिस क्यों भेजी गई? दूसरा सवाल सीएमओ की भूमिका पर भी उठ रहा है। कोविड-19 जैसे गंभीर मामले में भी सीएमओ कार्यालय ने रात 9.32 बजे सूचना मिलने के बाद भी एक्शन के लिए अगले दिन यानी 24 अप्रैल का इंतजार क्यों किया? क्यों नहीं तत्काल अस्पताल में आने-जाने पर रोक के साथ ही डायलिसिस यूनिट, ओपीडी को बंद कराया गया, इन सवालों का जवाब जानने के लिए ABP गंगा ने CMO डॉ. नरेंद्र अग्रवाल से संपर्क किया तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से साफ इन्कार कर दिया।
सीएमओ की भूमिका पर उठे सवाल
आखिर क्या वजह है जो चंदन हॉस्पिटल के मामले में CMO कोई भी जवाब देने से कतरा रहे हैं? अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जिन दो मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई थी, उनमें एक श्रावस्ती निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग और एक गोमती नगर निवासी 63 वर्षीय रिटार्यड पुलिस अधिकारी शामिल हैं। ये दोनों ही किडनी के मरीज हैं, जिनकी डायलिलिस चल रही है। 22 अप्रैल को जब ये अस्पताल आये तो, इनको सांस फूलने की दिक्कत हो रही थी। कोरोना के लक्षण लगने पर दोनों को आइसोलेशन में रखकर उसी दिन सैंपल टेस्ट करने प्राइवेट लैब में भेजा गया। जिसके बाद पता चला कि दोनों कोरोना संक्रमित हैं।
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