Bagpat News: संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर कल मुजफ्फनगर में होने वाली किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को सफल बनाने के लिए आज बागपत (Bagpat) के दोघट कस्बे में किसानों की पंचायत हुई, जिसमें हरियाणा से आए खाप चौधरियों और किसानों ने भी भाग लिया. किसान नेता और खाप चौधरियों ने साफ कहा कि, नौ महीने हो गए हैं, किसान दिल्ली बार्डर पर बैठा हुआ है. सरकार सुन नहीं रही है, कल देश की सबसे बड़ी पंचायत मुजफ्फरनगर में हो रही है. किसान अपने साधनों से महापंचायत में पहुंचेंगे और सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे. पंचायत में किसान मोर्चा जो भी फैसला लेगा खाप पंचायतें उसका समर्थन करेंगी.
खाप पंचायतें करेंगी समर्थन
हरियाणा से पहुंचे देश खाप चौधरी सुरेंद्र सिंह भी आये हैं. सभी खाप चौधरी का कहना है कि, किसान मोर्चा जो भी फैसला लेगा, खाप पंचायतें पूरी तरह से समर्थन करेंगी. नौ-दस महीने से जो बात केंद्र सरकार कह रही है, किसानों की मांगों को माने, तीनों कानून रद्द करे, एमएसपी पर गारंटी कानून बनाये, इसके लिए किसानों की जो पंचायत है देश की सबसे बड़ी पंचायत होगी. हरियाणा में हमने सभी 22 जिलों में हर गांव में बड़े गांव से 10 गाड़ी, तो कहीं 5 और कहीं 2 गाड़ियों की व्यवस्था की गई है. हरियाणा से जो लगते हुए गांव हैं, उनमें ट्रैक्टरों से उत्तर प्रदेश के जो लोग हमें बता रहे है यहां से भारी भीड़ ट्रैक्टरों में उमड़ेगी और ये हिन्दुतान की किसानों की सबसे बड़ी पंचायत होगी.
शक्ति प्रदर्शन
पंचायत में आए किसान धर्मेंद्र राठी ने कहा कि, सरकार सुन नहीं रही है, नौ दस महीने हो गए हैं, किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार को दिखा रहे हैं देख लो कितनी जनता दुखी है. मुजफरनगर से अगर सरकार को अंदाजा नहीं होगा, सरकार को दिखाने के लिए बारिश में खराब मौसम के चलते भी वहां जाएंगे. सरकार को चेता रहे हैं कि, सरकार केवल व्यपारियों की सुन रही है, सारा किसान और मजदूर दुखी है. उनका कहना है कि, गैस बहुत महंगी हो गयी है, तेल की कीमतें बढ़ा दी हैं, बिजली के रेट बढ़ा दिया, सबका रेट बढ़ेगा, किसानों का रेट नहीं बढ़ेगा. अगर मुजफरनगर में देख कर के प्रधानमंत्री को फिर भी नहीं दिखाई दे कि, जनता दुखी होकर बारिश में पड़ी है, फिर भी नहीं दिखाई देता तो ऐसे प्रधानमंत्री को गद्दी पर बैठने का कोई हक नहीं है. किसानों के अपने सधान हैं, सभी ने अपने खर्चे से बाइक, ट्रैक्टर, कार, बस जो भी मिल रहा है, उसी से जाएंगे. यहां राशन की व्यवस्था है, कोई दिक्कत नहीं है.
किसान परेशान है
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भांजे ने कहा कि, पंचायत इसलिए रखी है कि, किसान बहुत ज्यादा परेशानी में है. साल 1987 में 22 रुपये से 35 रुपये किया था बिजली का बिल, उस को लेकर भारतीय किसान यूनियन का गठन हुआ था, रोकथाम की थी. अब सभी चीजें बढ़ा दी हैं. डीजल, पेट्रोल बिल, सभी चीजें बढ़ा दी हैं. सरकार की नीति ऐसी है कि ये जमीन छीनकर पूंजीपतियों को दे दो. योजना पहले भी थी तब सर छोटूराम ने रोकथाम की थी. चौधरी चरण सिंह ने रोक थाम की थी. अब ये किसान आंदोलन अड़ा हुआ है. इसी मामले को लेकर कल मुजफरनगर में पंचयात है.
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