कौन हैं आकाश आनंद, जिन्हें मायावती ने बताया अपना उत्तराधिकारी, 6 साल पहले राजनीति में हुए थे लॉन्च, अब बढ़ रहा कद
बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने उत्तराधिकारी का एलान कर दिया है. अब आगे पार्टी में उनकी जगह आकाश आनंद लेंगे. हम आपको आकाश आनंद के पॉलिटिकल करियर के बारे में बता रहे हैं.
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Akash Anand Career: बीएसपी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में रविवार को हुई बैठक के दौरान अपने उत्तराधिकारी का एलान कर दिया है. मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद के बेटे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी माना है. मायावती के इस एलान से स्पष्ट हो गया कि आने वाले वक्त में पार्टी में उनकी जगह आकाश आनंद लेंगे. अब बीएसपी की कमान आकाश आनंद के हाथों में होगी, जिसकी झलक बीते कुछ चुनावों से दिख रही थी.
आकाश आनंद की पढ़ाई लंदन में हुई है, उन्होंने लंदन से MBA किया है. लेकिन उनकी पॉलिटिक्स में लांचिंग 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी. आकाश आनंद हमेशा से मायावती के चहेते रहे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है उन्होंने पार्टी में अपने भाई आनंद से ज्यादा तरजीह आकाश आनंद को दी है. दरअसल, साल 2017 में सहारनपुर की रैली के दौरान मायावती पहली बार अपने साथ आकाश आनंद को लेकर मंच पर आईं थीं.
सहारनपुर से लांचिंग
सहारनपुर में लांचिंग के बाद आकाश आनंद का कद हर दिन पार्टी में बढ़ता गया है. बीते लोकसभा चुनाव के बाद से हर दिन उनका कद बढ़ता चला गया है. बीते यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से ही उन्हें मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा था. हालांकि मायावती ने इसकी औपचारिक घोषणा रविवार को कर दी. लेकिन आकाश आनंद को ये दायित्व ऐसे वक्त में मिला है जब पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है.
बीते दो विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने 10 सीटें जीती थीं. लेकिन उस वक्त बीएसपी से समाजवादी पार्टी का गठबंधन था और उसकी फायदा उन्हें मिला. लेकिन बीते यूपी विधानसभा चुनाव से पार्टी में कामकाज का ट्रांसफर आकाश आनंद के जिम्मे जाने लगा था. बीते चुनाव में मैनेजमेंट से लेकर प्रत्याशी तय करने तक उनका रोल काफी अहम रहा.
राजस्थान में पद यात्रा
सबसे खास बात ये है कि अभी पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उनका कद काफी बढ़ा है. राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही उन्होंने राज्य में पद यात्रा की. उन्होंने अपनी छवी को निखारने को जमीनी स्तर पर अपने कद को बढ़ाने में पूरा जोर लगाया है. इस चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बावजूद बीएसपी राज्य में नंबर तीन पार्टी बनी और तमाम क्षेत्रीय दलों के मुकाबले लोगों को बीएसपी में ज्यादा भरोषा दिखा है.
इतना ही नहीं मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीएसपी की प्रतिद्वंदी पार्टी सपा के मुकाबले उसे कहीं ज्यादा वोट मिले. बीएसपी को राज्य में 14 लाख से ज्यादा वोट मिले तो सपा को दो लाख वोट भी नहीं मिले. सपा को राजस्थान में चार हजार वोट भी नहीं मिले तो दूसरी ओर बीएसपी को 7 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं. अब मायावती ने आकाश आनंद को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जिम्मेदारी दे दी है.
इसके अलावा आकाश आनंद छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर समेत तमाम जिम्मेदारियों को बीते 3 सालों से निभा रहे हैं. अब आकाश आनंद को बीते 5 सालों से राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हैं. लेकिन उनकी असली परीक्षा 2024 में आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान होगी. अखिलेश यादव और बीजेपी की दोहरी चुनौती का सामना उन्हें करना होगा.
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