UP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) 12 मई को राष्ट्र को समर्पित हो जाएगा. 12 मई को बुंदेलखंड के जालौन जिले में होने वाले भव्य समारोह में पीएम मोदी इस एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे. यह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का पांचवा एक्सप्रेस-वे होगा. 296 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे अपने निर्धारित समय से 9 महीने पहले ही बनकर तैयार हो गया है.
इतना ही नहीं इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर अनुमानित लागत से 12 फीसदी की रकम कम खर्च हुई है. कहा जा रहा है यूपी के सबसे पिछड़े इलाके बुंदेलखंड के विकास को यह एक्सप्रेस वे नई रफ्तार देगा.
क्या है तैयारी?
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से बुंदेलखंड क्षेत्र में ना सिर्फ निवेश और विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पर्यटन भी बढ़ेगा. लोकार्पण समारोह में एक लाख से ज्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है. इसके लिए डेढ़ हज़ार बसों का इंतजाम किया जा रहा है.
इन छह जिलों से है कनेक्ट
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की शुरुआत चित्रकूट जिले के भरतपुर इलाके में गोंडा गांव से हो रही है. चित्रकूट जिले में यह एक्सप्रेस-वे तकरीबन 10 किलोमीटर तक ही है. इसके बाद यह एक्सप्रेस वे बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन और औरैया होते हुए इटावा तक गया है.
इटावा जिले में यह एक्सप्रेस वे लखनऊ -आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा. इस तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर सवार होकर दूसरे एक्सप्रेसव-वे के सहारे दिल्ली तक जाया जा सकता है.
ये है दावा
दावा यह किया जा रहा है बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद चित्रकूट से दिल्ली का सफर सिर्फ 6 घंटे में ही पूरा हो जाएगा. 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस है का शिलान्यास 28 फरवरी 2020 को पीएम मोदी ने चित्रकूट जिले में किया था. शिलान्यास के वक़्त इसके छत्तीस महीने में तैयार होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह नौ महीने पहले ही बनकर तैयार हो चुका है. दावा है कि अगर कोरोना नहीं होता तो यह चार पांच महीने और पहले बनकर तैयार हो जाता. यह एक्सप्रेस-वे तकरीबन पंद्रह हजार करोड़ रूपये की लागत से तैयार हुआ है.
ये है खास बातें
इस एक्सप्रेस-वे पर चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, 266 छोटे पुल, 18 फ्लाई ओवर, छह टोल प्लाजा और सात रैम्प प्लाजा पड़ रहे हैं. फिलहाल यह फोर लेन है, लेकिन भविष्य में इसे सिक्स लेन का विस्तार दिए जाने की योजना है. इस एक्सप्रेस के निर्माण में क्वालिटी यानी गुणवत्ता का खास ध्यान रखा गया है. एक दशक पहले तक चित्रकूट और बांदा समेत बुंदेलखंड के ज़्यादातर हिस्सों में सड़कों की हालत बेहद खराब थी. सड़कें या तो होती ही नहीं थी, फिर इतने गड्ढे होते थे कि पचास किलोमीटर का सफर तय करने में भी कई बार चार से पांच घंटे तक वक़्त लग जाता था.
क्या बोले बीजेपी सांसद?
बुंदेलखंड की सड़कों की हालत, यहां के पिछड़ेपन और ददुआ-ठोकिया जैसे बड़े डकैत गिरोह के खौफ के चलते कोई भी निवेशक-व्यापारी या पर्यटक यहां आने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था. लेकिन दावा किया जा रहा है कि एक्सप्रेस वे शुरू होने के बाद बुंदेलखंड पर लगा पिछड़ेपन का दाग भी धुल जाएगा. यहां के लोग भी एक्सप्रेस वे के सहारे विकास के पथ पर तेजी से रफ़्तार भरते नजर आएंगे. बीजेपी सांसद आरके पटेल का कहना है कि यह एक्सप्रेस वे बुंदेलखंड के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा.
तेजी से हो रहा फिनिशिंग का काम
लोकार्पण से पहले एक्सप्रेस वे की फिनिशिंग यानी फाइनल टच दिए जाने का काम तेजी से चल रहा है. रात के अंधेरे में एक्सप्रेस वे को खूबसूरत और आकर्षक दिखाने के लिए दोनों तरफ लाइट्स लगाई गईं हैं. इसके साथ ही जगह-जगह हाईमास्ट भी लगाए गए हैं. एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट तैयार पौधे लगाए जा रहे हैं तो साथ ही डिवाइडर पर रंग बिरंगे फूलों वाले पौधे इसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगाएंगे.
एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ लिंक रोड बनाई जा रही हैं. इसके नजदीक से ही डिफेन्स कॉरिडोर का निर्माण भी होना है. एक्सप्रेस-वे की ख़ूबसूरती को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. बुंदेलखंड के व्यापारी तो इस एक्सप्रेस-वे के बनने से खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. इस एक्सप्रेस वे को यूपीडा यानी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथॉरिटी ने तैयार किया है.
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