मथुरा. राधारानी की ननिहाल गांव मुखराई में देर रात चरकुला नृत्य हुआ. महिलाओं ने आकर्षक चरकुला नृत्य से सबका मन मोह लिया. महिला कलाकार 108 दीपकों से सजा 5 मंजिला चरकुला सिर पर रखकर नाचीं. महिला कलाकारों का नृत्य देखते ही बन रहा था.
राधारानी की नानी का नाम मुखरा देवी था. वृषभानु और माता कीरत के यहां जब राधा ने जन्म लिया तो यह समाचार सुनकर मुखरा देवी खुशी से नाच उठीं. मुखरा देवी आंगन में पड़े रथ के पहिये पर 108 दीपक रखकर नाचने लगीं. इसी नृत्य को आगे चल कर चरकुला नाम से जाना गया.
मंगलवार को मुखराई के मोहन जी मंदिर पर स्थानीय महिलाएं तूती देवी, शांति देवी, जमुना देवी, उर्मिला देवी, भूरी देवी 108 दीपकों के साथ 5 मंजिला चरकुला को सिर पर रख कर नृत्य किया.
पुरुष कलाकार लोकगीत गाकर बढ़ाते हैं मनोबल
ब्रज लोक कला फाउंडेशन के निदेशक दानी शर्मा ने बताया कि महिला कलाकार जब चरकुला को सिर पर रखकर नृत्य करती हैं, तब पुरुष कलाकार लोकगीत गाकर उनका मनोबल बढ़ाते है. 1845 में गांव मुखराई के प्यारे लाल बाबा ने चरकुला नृत्य को नया रूप दिया.
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