नई दिल्ली, एबीपी गंगा। अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा कहा निवेश करना है इसकी सटीक जानकारी होना बेहद जरूरी है। पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) अकाउंट के बारे में आपको ऐसी जानकारी देंगे जो आपके लिए बेहद फायदेमंद होगी। पीपीएफ अकाउंट ऐसा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, जिससे u/s 80C के तहत इनकम टैक्स डिडक्शन मिलता है। हर साल डेढ़ लाख रुपये तक निवेश करने पर इसमें डिडक्शन मिलता है। खास बात है कि पीपीएफ में जमा रकम पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं चुकाना होता है। साथ ही, मैच्योरिटी पर मिलने वाले रिटर्न पर भी टैक्स नहीं देना होता है। मौजूदा समय में पीपीएफ पर 7.9 फीसदी का ब्याज मिल रहा है।


15 साल तक लॉक इन पीरियड
पीपीएफ अकाउंट्स में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। मैच्योरिटी के बाद पूरी रकम निकाली जा सकती है।


क्या हैं अकाउंट बंद करने के नियम?
अकाउंट बंद करने के लिए खाताधारक को उसी बैंक की ब्रांच या पोस्ट ऑफिस में जाना होता है जहां अकाउंट खोला गया।रकम निकालने और अकाउंट बंद करने के लिए लिखित आवेदन देना होता है। साथ ही पासबुक भी जमा करना जरूरी है। जमा रकम किस खाते में जाएगी उसकी जानकारी भी देनी होती है। अड्रेस और आइडेंटिटी प्रूफ एक कैंसल्ड चेक के साथ देने जरूरी होते हैं।


कर्ज चुकाने के लिए नहीं अटैच होता पीपीएफ अकाउंट
कर्ज चुकाने के लिए PPF अकाउंट को अटैच नहीं किया जा सकता है। कोर्ट भी पीपीएफ अकाउंट के पैसे से कर्ज चुकाने को नहीं कह सकता है। अकाउंट के पहले 15 वर्षों में सातवें साल से कुछ शर्तों के साथ आंशिक निकासी की इजाजत होती है।