Uttar Pradesh: उस्ताद राशिद खान का जन्म एक जुलाई 1968 को उत्तर प्रदेश के बदांयू जिले में हुआ था. वे हिंदुस्तानी संगीत परंपरा में एक भारतीय शास्त्रीय संगीतकार हैं और रामपुर की पहचान वाले घराने से ताल्लुक रखते हैं. महज छह साल की उम्र में अपने नाना पद्म भूषण उस्ताद निसार हुसैन खान साहब से संगीत की तालीम उनके घर पर रहकर ही शिक्षा प्राप्त की.


कौन से पुरस्कार मिले
एक सख्त अनुशासक के रूप में उनके गुरु निसार हुसैन साहब राशिद को स्वर साधना (रियाज) कराया करते थे. उस्ताद द्वारा अनुशासित प्रशिक्षण आज उनकी जानकारी और आवाज की खूबसूरती की महारत को दर्शाता है. कुछ समय बाद बदायूं से अपने उस्ताद निसार हुसैन खान साहब के साथ कोलकाता आईटीसी संगीत अनुसंधान अकादमी चले गए. उन्होंने 11 साल की उम्र में अपना पहला संगीत कार्यक्रम दिया और 14 वर्ष की आयु में ITC में शामिल हुए. उन्हें स्कॉलरशिप प्राप्त हुई. राशिद खान साहब को पहले पद्मश्री, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, भारतीय संगीत अकादमी पुरस्कार और महान संगीतकार पुरस्कार आदि पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं.


क्या है खास
पंडित भीम सेन जोशी ने एक बार टिप्पणी की थी कि राशिद खान भारतीय संगीत का भविष्य हैं. राशिद खान की गायकी रामपुर-सहसवान गायकी (गायन की शैली) ग्वालियर घराने से संबंधित है. जिसमें मध्यम गति, पूर्ण कंठ स्वर और जटिल लयबद्ध गायकी शामिल हैं. राशिद खान ने धीरे-धीरे अपने चाचा की शैली में अपने विलम्ब विचारों में स्पष्टता जोड़ दी है. सरगम और टंकारी के उपयोग में असाधारण कौशल विकसित किया. वह आमिर खान और भीमसेन जोशी की शैली से प्रभावित हैं. वह अपने गुरु की तरह गायन में माहिर हैं लेकिन अपने अंदाज में गाते हैं.


कौन कौन से कार्यक्रम किए
राशिद खान ने शुद्ध भारतीय संगीत को हल्के संगीत शैलियों के साथ संयोजित करने का भी प्रयोग किया है. जैसे कि नीना पिया (अमीर खुसरो के गाने) के साथ सूफी फ्यूजन रिकॉर्ड करना या पश्चिमी वाद्य यंत्र लुई बैंक्स के साथ प्रयोगात्मक संगीत कार्यक्रम. उन्होंने सितार वादक शाहिद परवेज और अन्य के साथ भी अपने संगीत के करतब दिखाए हैं. वर्तमान में उस्ताद राशिद खान कोलकाता में रहते हैं.


ये भी पढ़ें-


UP: मशहूर लेखिका विद्या बिंदु सिंह को मिला पद्म श्री पुरस्कार, पहले मिल चुके हैं ये सम्मान


Republic Day: गणतंत्र दिवस पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' की रौनक, SDMC के सभी जोन का सौंदर्यीकरण