UP News: जानिए- कैसा होगा यूपी में SCR का पूरा कांसेप्ट, कैसे होगा विकास कार्य और क्या है प्लान?
योगी सरकार ने एससीआर (SCR) के लिए पूरे कांसेप्ट तैयार कर लिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास कार्य और प्लान की रिपोर्ट हम आपको समझाते हैं.
UP News: योगी सरकार ने एनसीआर (NCR) की तर्ज पर एससीआर (SCR) यानी 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' (Uttar Pradesh State Capital Region) गठित करने का फैसला लिया है. इसके लिए लखनऊ (Lucknow) और आसपास के जिलों को शामिल कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इसे लेकर मंथन भी शुरू हो गया है. लेकिन आखिर ये एससीआर क्या होगा, इसमें विकास कार्य कैसे हो गए और इसका फायदा क्या होगा ये हम आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं.
मुख्यमंत्री के सामने जब इस एससीआर को लेकर चर्चा हुई तो वहां मौजूद कुछ जिम्मेदार अधिकारियों से हमने बात की और समझ एससीआर के इस पूरे कांसेप्ट को. एक अधिकारी ने बताया कि हम रीजनल लेवल पर ऐसा प्लान लाना चाहते हैं, जहां पर पुरे रीजन को लेकर योजना बनेंगी. यानि जिस रीजन में ये सारे टाउन आ रहे इन सब का एक प्लान बनाएंगे. एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी का जो टारगेट है वह सिर्फ लखनऊ से पूरा नहीं हो सकता. इस टारगेट को कैसे फुलफिल करें कैसे निवेश के अवसर बढ़ाए ये मंशा है. अब तक जो कांसेप्ट है इस योजना में अथॉरिटी सभी अलग रहेगी. जिस तरह एनसीआर में चार अलग-अलग स्टेट है लेकिन उनका एक रीजनल प्लान बनाया एक साथ. फिर हर स्टेट उस प्लान के अनुरूप अपने-अपने टाउन का विकास किया. उसी तरह यहां भी हर टाउन एक प्लान के अनुरूप अपना काम करेगा.
कितना होगा एससीआर का क्षेत्र
रीजनल प्लान का इंप्लीमेंटेशन सब लोग कर रहे या नहीं इसके लिए दो टियर लेवल पर कमेटी की कल्पना या विचार किया जा रहा है. जैसे एक हाई पावर कमेटी होगी जो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हो सकती है. जिसमें विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अधिकारी हो सकते हैं. दूसरी समिति ऐसी हो सकती है जैसे तीन मंडल आ रहा है तो उन तीनों के कमिश्नर, डीएम और अन्य अधिकारी हो सकते हैं. हालांकि अधिकारी ने कहा की अभी सैद्धान्तिक सहमति मिली है और प्रस्ताव बना रहे हैं. जिसमे करीब एक महीना लग सकता है. इसमें जो अभी सोच कर चल रहे उसमे बदलाव भी संभव हैं. इस प्रस्ताव में चीफ टाउन कंट्री प्लानर, विकास प्राधिकरणों के वीसी और अन्य लोगों की भूमिका होगी.
आपको बताते हैं की राज्य राजधानी क्षेत्र में जो जिले शामिल हो रहे उनका क्षेत्रफल और आबादी क्या है:
- लखनऊ: 2528 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 45,89,838 आबादी
- सीतापुर: 5743 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 44,83,992 आबादी
- बाराबंकी: 4402 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 32,60,699 आबादी
- उन्नाव: 4558 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 31,08,367 आबादी
- रायबरेली: 4609 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 34,05,559 आबादी
- कानपुर नगर: 3155 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 45,81,268 आबादी
- कानपुर देहात: 3021 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 17,96,184 आबादी
यानी एससीआर का कुल क्षेत्रफल 28016 वर्ग किलोमीटर और आबादी 2,52,25,907 के करीब होगी.
क्यों है एससीआर की जरुरत
सवाल ये भी उठता है की आखिर एससीआर की जरुरत क्यों महसूस की गयी. इसके पीछे वजह बताई गयी की राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है. विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं. आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं. ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' का गठन किया जाना चाहिए. सीएम योगी ने कहा की सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन गंगवार ने कहा कि स्टेट कैपिटल रीजन लखनऊ जो बनेगा इसका वृहद दायरा हो सकता है. एक इंटीग्रेटेड प्लानिंग को देखते हुए एससीआर बनेगा. एलडीए भी उसका एक पार्ट होगा. वृहद स्वरूप के अनुसार इंटीग्रेटेड प्लानिंग होगी, जिसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका अलग प्रोजेक्शन हो. इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार सर्जन होगा, विकास में अहम भूमिका होगी.
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