हरियाणा में सरकार का नया मॉडल, दुष्यंत चौटाला के सिर भी सजेगा ताज
बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर हरियाणा में सरकार के गठन को लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच हुई बातचीत सफल रही। नयी सरकार का नेतृत्व मनोहर लाल खट्टर करेंगे।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। हरियाणा में सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और बीजेपी में बात बन गई है। दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा में नई सरकार गठन के लिए बीजेपी को अपना समर्थन देने का एलान किया है। बीजेपी दुष्यंत को हरियाणा में उपमुख्यमंत्री बनाने पर सहमत हो गई है।
बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर हरियाणा में सरकार के गठन को लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच हुई बातचीत सफल रही। नयी सरकार का नेतृत्व मनोहर लाल खट्टर करेंगे। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 40 सीट मिली हैं तथा बहुमत के लिए उसे छह सीटों की जरूरत है।
मीडिया को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि, 'कल बीजेपी के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सरकार बनाने की आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और अगले पांच साल तक बीजेपी और जेजेपी की सरकार हरियाणा के विकास को मोदी जी के नेतृत्व में आगे ले जाएगी। हरियाणा की जनता ने जो जनादेश दिया है, उसकी भावना को ध्यान में रखकर बीजेपी और जेजेपी, दोनों के नेताओं ने यह निर्णय लिया है। मैं बीजेपी की ओर से दोनों नेताओं को बधाई देता हूं और आने वाले सरकार के अच्छे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी देता हूं।'
गौरतलब है कि, शुक्रवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि हमारे कुछ विधायक कांग्रेस और कुछ विधायक बीजेपी के साथ सरकार बनाने के पक्ष में हैं और आने वाले कुछ दिनों में इसे लेकर फैसला होगा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए कांग्रेस या बीजेपी कोई भी अछूती नहीं है, जो हमारी मांगों को पूरा करेगा, हम उन्हें समर्थन देंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमारे साझा न्यूनतम कार्यक्रम के साथ जिसकी सहमति होगी, जेजेपी उसके साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाएगी।
आपको बता दें कि दुष्यंत चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के बेटे हैं। 2013 में ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला को टीचर भर्ती घोटाले में 10 साल की जेल की सजा हुई है। पिछले कुछ वक्त से ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई थी।
अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। जिसके बाद दुष्यंत चौटाला ने अपनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी का गठन किया था। सिर्फ 10 महीने बाद हुए चुनाव में 10 सीटें जीतकर दुष्यंत चौटाला ने साबित कर दिया कि हरियाणा की जाट राजनीति को उन्होंने अपने पक्ष में कर लिया है।