भदोही, एबीपी गंगा। आपको याद है सूरत में ट्रेन के अंदर बड़े नेताओं की मिमिक्री कर खिलौने बेचने वाला वायरल सेल्समैन ...जिनका नाम अवधेश दुबे है। क्या आप जानते हैं कि अवधेश उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद के रहने वाले हैं। उनका घर भदोही जिला मुख्यालय का गांव सरपतहां में स्थित है। 2005 से ही वो अपने पूरे परिवार के साथ सूरत में रहते हैं। ट्रेनों में अनाधिकृत वेडिंग के आरोप में उन्हें जेल जाकर जुर्माना भी भरना पड़ा, लेकिन अवधेश जेल से भी कॉमेडी कैरेक्टर चुरा कर लाए हैं और उसका भविष्य में इस्तेमाल खिलौने के सेल बढ़ाने में करेंगे।
जेल जाने के बाद उनका धंधा पूरी तरह बंद है, इसके लिए उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाई है कि उन जैसे सेल्समैन को वैध करने के बारे में सरकार विचार करे। पीएम मोदी से प्रभावित सेल्समैन अवधेष का कहना है कि चाय वाले मोदी की जिंदगी जी रहे हैं, हम सभी सेल्समैन को वैध करने पर सरकार विचार करें।
अवधेश दुबे भदोही के ज्ञानपुर के सरपतहां के रहने वाले हैं। उनका परिवार काफी समय से वलसाड में रहकर जीवन यापन करता है। 2005 में अवधेश के मामा उन्हें वलसाड ले गए। उनके मामा भी खिलौने बेचते हैं, तो अवधेश को भी इसी काम में लगा दिया। बचपन से ही चंचल स्वभाव के अवधेश की कॉमेडी में दिलचस्पी होने के कारण उनका खिलौने बेचने का काम अच्छा चल निकला।
वो बड़े नेताओं की मिमीक्री के साथ वर्तमान परिदृष्य पर कॉमेडी कर ट्रेनों में खिलौने बेचने लगे। उनका यह मजाकिया अंदाज में खिलौना बेचना लोगों को खूब भाता, इसलिए उनकी बिक्री भी अच्छी खासी हो जाती है। लेकिन कुछ दिन पहले ट्रेन के एक पैसेंजर ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जिसके बाद अवधेश देखते ही देखते वायरल सेल्समैन हो गए, लेकिन अवधेश अनाधिकृत तरीके से खिलौने बेचते थे और उनके पास रेलवे की तरफ से वेडिंग का लाइसेंस भी नहीं था। इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अवधेश जेल गए और जुर्माना भी भरा लेकिन इसके बाद देश में उनकी चर्चा और तेज हो गई।
अवधेश बेल पर बाहर आ गए हैं और उन्होंने बताया कि वो जिस जेल में थे वहां नारायण साई के साथ तमाम लोग बंद थे और उनके कैरेक्टर को वो वहां से चुराकर लाएं हैं और उसका इस्तेमाल आगे अपने सेल्स के तरीके में उपयोग करेंगे। लेकिन अभी उनका और उनके तरह अन्य लोगों का धंधा पूरी तरह बंद है, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि उनके जैसे सेल्समैन को परमिशन देने के लिए सरकार विचार करे।