लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की 50 साल पुरानी मांग को योगी सरकार ने पूरा कर दिया है। यूपी कैबिनेट ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर सिस्टम के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। फिलहाल, यूपी के दो शहरों लखनऊ और नोएडा से इसकी शुरुआत की जा रही है। पुलिसिंग व्यवस्था के लिहाज से योगी सरकार का ये अहम फैसला है, जिसका स्वागत यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने भी किया है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'मुख्यमंत्री ने लखनऊ और नोएडा में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक घोषणा की है। आपके इस निर्णय से जहां सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था कि स्थिति बेहतर होगी। वहीं, स्मार्ट पुलिसिंग को भी बल मिलेगा। उत्तर प्रदेश पुलिस आपके विश्वास के लिए आभारी है।
बता दें कि इस प्रणाली के तहत लखनऊ में सुजीत पांडेय की कमिश्नर पद पर तैनाती की गई है। वहीं, नोएडा के पहले कमिश्नर आलोक सिंह को बनाया गया है। बता दें कि 50 सालों से इस प्रणाली को यूपी में लागू करने की मांग चल रही थी। यूपी के इतर बात करें, तो 15 राज्यों के 71 शहरों में पहले से ही कमिश्नरी सिस्टम लागू है। प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से ही इस सिस्टम को लागू करने की कवायद चल रही थी, लेकिन ब्यूरोक्रेसी के विरोध व दबाव के चलते ये अब तक अंजाम तक नहीं पहुंच पाई थी।
फिलहाल, आपके लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम से जुड़े इन महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना बेहद जरूरी है। इस सिस्टम के तहत कमिश्नर को कौन-कौन से अधिकार दिए गए हैं।
Police Commissioner System? (यूपी पुलिस की बढ़ेगी ताकत)
•यूपी में पहली बार पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू, पुलिस महकमे के लिए उम्मीद से ज्यादा देने वाला फैसला। आम आदमी के लिए त्वरित न्याय, आम लोगों के दरवाजे पर ही मुहैया होगा। पिछले कई दशकों से यूपी में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की मांग उठ रही थी। लेकिन नौकरशाही का एक बड़ा तबका भी इस सिस्टम का विरोध करता रहा ।
• धरमवीर कमीशन (तीसरे राष्ट्रीय पुलिस आयोग) ने 1977 में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की सिफारिश की थी।
• अब इस प्रणाली के लागू होने से राजनीतिक संरक्षण में अपराधियों, माफिय़ाओं व अपराध को बढ़ावा देने वालों के दिन लदे।
• अब दंगाइयों, उपद्रवियों के बुरे दिन, बल प्रयोग के लिए पुलिस को मजिस्ट्रेट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
• अब जो दंगा करेगा, उपद्रव करेगा, आमजन और पुलिस पर हमला करेगा, सार्वजनिक संपत्तियों को बर्बाद करेगा, उससे पुलिस सीधे निपटेगी।
• पुलिस में भी सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो गया।
• अब गुडों, माफियाओं, सफेदपोशों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस को मजिस्ट्रेटों के कार्यालयों में नहीं भटकना पड़ेगा।
• पुलिस को खुद होगा गुंडों, माफियाओं और सफेदपोशों को चिन्हित कर उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई का पूरा अधिकार।
• अपराधियों, माफियाओं और सफेदपोशों के असलहों के लाइसेंस कैंसिल करने के लिए भी पुलिस के पास सीधे अधिकार हुए।
• 151 और 107, 116 जैसी धाराओं में पुलिस को गिरफ्तार कर सीधे जेल भेजने का अधिकार होगा।
• आमजन के हित के फैसलों में नौकरशाही का मकड़जाल खत्म।
• तीसरे पुलिस कमीशन, धरमवीर कमीशन की सिफारिश के बाद पूर्व सीएम राम नरेश यादव ने यूपी में कमिश्नर सिस्टम लागू किया था। वासुदेव पंजानी कानपुर का पुलिस कमिश्नर को बनाया था, लेकिन उनके काम शुरू करने से पहले ही कमिश्नर सिस्टम का फैसला वापस ले लिया गया था। इसके बाद यूपी में कमिश्नर सिस्टम कभी लागू नहीं हो पाया।
• देश के 15 राज्यों के 71 शहरों- जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, राजकोट, बड़ौदा, हैदराबाद, त्रिवेंद्रम आदि शामिल हैं, वहां ये सिस्टम लागू है।
• कमिश्नर सिस्टम से पुलिस की जवाबदेही बढ़ेगी। थाने स्तर पर आम लोगों की सुनवाई और बेहतर होगी, पुलिस की गड़बड़ी पर अंकुश होगा।
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