नई दिल्ली, पंडित शशिशेखर त्रिपाठी। शनि की साढ़ेसाती से आखिर लोग क्यों घबराते हैं। शनि की साढ़ेसाती किन-किन राशि वालों के लिए खुशखबरी लेकर आई है। कौन से लोग राहत की सांस लेंगे। शनिदेव किसकी क्लास लेंगे और साथ ही शनिदेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय क्या है। इन सबके बारे में विस्तार से बताया है आपके अपने एस्ट्रो फ्रेंड पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने।
सबसे पहले समझिए आखिर शनि की साढ़ेसाती कहते किसे हैं?
शनि की साढ़ेसाती का अर्थ है- कुंडली में चंद्रमा के ऊपर वर्तमान समय में शनि का प्रभाव।
अंतरिक्ष में गुजरते वक्त शनि जिस राशि में होते हैं, उस राशि के एक घर आगे की व एक घर पीछे की राशि तक शनि का प्रभाव रहता है। जिसकी भी व्यक्तिगत कुंडली का चंद्रमा अंतरिक्ष के शनि के प्रभाव क्षेत्र के अंदर आ जाता है. उसी को शनि की साढ़ेसाती कहते हैं। चूकि शनि को एक राशि पार करने में ढाई वर्ष लगता है। यानि 30 महीने और 3 राशियों का अर्थ है 90 महीने, अर्थात् साढ़े सात साल... तभी तो साढ़ेसाती कहा जाता है। इसके अलावा चंद्रमा से चौथे और आठवें चंद्रमा का ट्रांजिट ढइयां कहलाता है।
शनिदेव अंतरिक्ष में जहां पर होते हैं, वहां से उनकी राशि से 30 डिग्री आ गए या नहीं, अगली राशि और 30 डिग्री पीछे यानी उनसे पीछे की राशि को शामिल करते हुए तीनों राशियों के अंतर्गत यदि चंद्रमा कुंडली में है तो शनि की साढ़ेसाती लग जाती है।
अब यह शनि एक राशि आगे जा रहे हैं, इसलिए यह अपने पीछे की राशि को छोड़ेंगे यानी वृश्चिक राशि वालों को मुक्ति देंगे। धनु राशि वालों के ऊपर से आगे बढ़कर मकर राशि में आ जाएंगे और कुंभ राशि वालों को अपनी गिरफ्त में ले लेंगे।
आज हम बात कर रहे हैं वृश्चिक राशि वालों की। आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम वृश्चिक राशि वालों पर ही क्यों बात कर रहे हैं। बात है थोड़ी खुशखबरी की पिछले 7:30 सालों से शनि देव जोकि कर्मफल दाता है उनका ऑडिट यानी कर्मों का हिसाब किताब हो रहा था, लेकिन आगामी 24 जनवरी से शनिदेव वृश्चिक राशि वालों को क्लीन चिट देते हुए चले जाएंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वृश्चिक राशि वालों में साढ़ेसाती के दौरान कई बार बहुत जटिल समय देखी हैं, कई बार उनका मनोबल निर्बल हुआ है। मां के स्वास्थ्य पर संकट आया है, लेकिन बहुत सूझबूझ व धैर्य के साथ यह समय निकल गया। तो अब वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएंगी।
आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि शनि देव का ऑडिट खत्म हुआ है, लेकिन कुंडली से कहीं चले नहीं गए। कहने का आशय यह है कि बीते साढ़े सात वर्षों में जो ज्ञान मिला है। जो अहंकार का नाश हुआ है, उन सब चीजों से अपनी समझ को बढ़ाना होगा और शनिदेव को प्रॉमिस करें कि अपने कर्मों को और अच्छा बनाते हुए परमार्थी स्वभाव के साथ अपने कर्म पर फोकस करेंगे।
वृश्चिक वालों को क्या उपाय करना होगा
- जिन लोगों की 24 तारीख को शनि की साढ़ेसाती खत्म हो रही है यानी वृश्चिक राशि वालों को सबसे पहले 25 तारीख (शनिवार) को पीपल के वृक्ष के पास जाना चाहिए। सरसों के तेल का दीपक जलाना है।
- अति विनम्र भाव से प्रणाम करते हुए शनिदेव से प्रार्थना करनी चाहिए। आपके द्वारा जो भी ज्ञान प्राप्त हुआ है, उससे मैं अपने कर्मों को शुद्ध करूंगा। इसके उपरांत प्रणाम करके आ जाना चाहिए।
- जो लोग गंगा तट के किनारे रहते हैं या गंगा जी तक जा सकते हैं उनको 26 तारीख को या किसी भी दिन 24 के बाद गंगा स्नान करना चाहिए।
- गंगा माता से भी प्रार्थना करनी चाहिए कि कर्मों के ऑडिट होने के बाद आप मुझे शुद्ध करें ताकि आगे अपने जीवन में सत्कर्म करते हुए अपने भविष्य का अच्छा निर्माण कर सकूं।
इसके अलावा अब बात करते हैं उस राशि की जो लगातार पिछले ढाई वर्षों से बहुत दबाव में थी। यानी शनि की साढ़ेसाती बहुत पीक पर थी। जानिए वो कौन सी राशि है।
धनु राशि
-इस 24 जनवरी के बाद से शनि धनु राशि को छोड़कर अपने घर मकर में जाएंगे। शनि देव महाराज के प्रस्थान करते ही धनु राशि वालों को कुछ राहत मिलेगी। लेकिन ध्यान रहे कि धनु राशि वालों की शनि की साढ़ेसाती समाप्त नहीं हुई है ढाई ढाई वर्ष के 3 सेमेस्टर मान लीजिए जिसमें की 2 सेमेस्टर यानी 5 वर्ष पूरे हो गए हैं।
- अब अंतिम ढाई वर्ष बचें निस्संदेह कुछ तनाव पहले से चला आ रहा था उतना नहीं रहेगा लेकिन फिर भी शनि देव के गिरफ्त में धनु वाले रहेंगे कर्मों का फल मिलेगा।
-जिनके कर्म अच्छे हैं उनको मजा और जिनके कर्म गड़बड़ हैं उनको सजा शनिदेव के द्वारा दी जाएगी।
-धनु राशि वालों को अब अपने पैरों की केयर बहुत करनी चाहिए यह उतरती साढ़ेसाती यह देखना चाहती है कि जो पैर आपके लिए दिन भर चलते हैं।
-जो पद आप का भार उठाकर चलते हैं क्या आप उन पदों के लिए कुछ समय निकालते हैं इसीलिए एक बात नोट कर लें कि शनिवार के दिन गर्म पानी से अपने पैर के पंजों को अच्छे तरीके से धोना चाहिए। जितने अच्छे पैर होंगे यानी पद होंगे उतना ही उच्च पद आपको प्राप्त होगा।
- शनि देव महाराज पर मुझे विश्वास है कि जो लोग जनकल्याण की भावना रखते हैं गरीबों की मदद करते हैं और अपने पदों को साफ रखते हैं उनसे वह सदा प्रसन्न रहते हैं।
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