सुकन्या समृद्धि योजना से सुरक्षित कर सकते हैं बेटियों का भविष्य, जानें- कैसे लें योजना का लाभ
बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना को लॉन्च किया गया था। योजना के तहत किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रांच और बड़े बैंकों में खाता खुलवाया जा सकता है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। बच्चों के लिए तमाम तरह की योजनाएं हैं। अब इसमें एक 'सुकन्या समृद्धि योजना' भी शामिल है। खास बात ये है कि यह योजना 10 साल तक की बेटियों के लिए है। सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य बेटियों की पढ़ाई और उनकी शादी पर आने वाले खर्च को पूरा करना है।
बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना को लॉन्च किया गया था। योजना के तहत किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रांच और बड़े बैंकों में खाता खुलवाया जा सकता है। पोस्ट ऑफिस में सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाला सालाना ब्याज 8.4 फीसदी है।...तो चलिए हम आपको बतातें हैं कि इस योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है और आपको क्या करना होगा।
जानें- अहम बातें
बच्ची की ओर से मूल या कानूनी अभिभावक खाता खोल सकते हैं। यानी अगर किसी ने बच्ची गोद ली है तो वह भी उसके लिए सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवा सकता है।
वैसे तो सुकन्या समृद्धि स्कीम के तहत अधिकतम दो बच्चियों का ही खाता खुलवाया जा सकता है, लेकिन जुड़वां बच्चियों के मामले में यह तीन बच्चियों तक के लिए खुलवाया जा सकता है। किसी की पहले से एक बच्ची है और बाद में जुड़वां बच्चियां हुईं या फिर पहले ही जन्म में पैदा हुई तीन बच्चियों के मामले में यह नियम लागू होगा। इस स्थिति में जुड़वां बच्चे होने का प्रमाण देना होगा।
इस योजना में खाता खुलवाने की तारीख से लेकर अधिकतम 14 वर्ष तक या बच्ची के 21 वर्ष के हो जाने तक पैसा जमा किया जा सकता है। बच्ची के 21 वर्ष पूरे होने पर या फिर बच्ची की शादी होने पर योजना परिपक्व हो जाती है।
14 वर्ष वाली अवधि पहले ही पूरी हो जाने पर परिपक्वता तक उस समय के तय ब्याज दर के हिसाब से अकाउंट में पैसा जुड़ता रहता है।
जमाकर्ता अभिभावक की मृत्यु होने पर या फिर किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए इस अकाउंट को समय से पहले बंद कराया जा सकता है यानी पैसा निकाला जा सकता है।
वैसे तो इस योजना में बच्ची के 21 वर्ष का हो जाने के बाद ही पूरा पैसा मिलता है, लेकिन बच्ची के 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के बाद उच्च शिक्षा या विवाह के लिए पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति पर खाते में मौजूद बैलेंस का 50% तक निकाला जा सकता है।
इस योजना में जमा की जा रही रकम आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर मुक्त होती है।
यह स्कीम स्मॉल सेविंग्स स्कीम के तहत आती है, जिनके लिए ब्याज दर हर तिमाही पर रिवाइज होती है।
इस खाते में नकद राशि, चेक और डीडी द्वारा पैसे जमा करवा सकते हैं।
किसी कारण अगर आप किसी शहर को छोड़ कर किसी अन्य शहर या राज्य में चले जाते हैं तो ऐसी सूरत में आपका खाता उस शहर में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यानी खाता किसी भी डाकघर/बैंक ब्रांच से अन्य डाकघर/बैंक ब्रांच में ट्रांसफर कराने की सुविधा है।
अगर गलती से किसी साल इस खाते में 1.5 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा हो जाती है तो जमाकर्ता किसी भी समय अतिरिक्त राशि को वापस निकाल सकता है।
सुकन्या समृद्धि के तहत बच्ची का अकाउंट केवल भारत के स्थानीय निवासी ही खुलवा सकते हैं। अगर कोई भारत का निवासी है लेकिन किसी और देश में रहता है तो वह इस योजना का लाभ नहीं ले सकता। वहीं, अगर आप इस खाते को खुलवाने के बाद दूसरे देश में जाकर बस जाते हैं, तो उस सूरत में आपका खाता बंद कर दिया जाएगा और कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आप या तो एक बार में या फिर थोड़ा-थोड़ा करके कभी भी पैसा जमा कर सकते हैं। नंबर ऑफ डिपॉजिट पर कोई सीमा नहीं है।
अगर आप किसी साल सुकन्या समृद्धि योजना खाते में न्यूनतम राशि जमा करना भूल जाते हैं तो खाता बंद हो जाएगा। लेकिन 50 रुपये की पेनल्टी फीस के साथ यह खाता दोबारा चालू किया जा सकता है। साथ ही मिनिमम अमाउंट भी डिपॉजिट करना होगा।
अगर अकाउंट को पेनल्टी भरकर रिवाइव नहीं किया जाता है तो फिर यह पोस्ट ऑफिस का नॉर्मल सेविंग्स अकाउंट बन जाता है और इसमें मौजूद कुल अमाउंट पर इंट्रेस्ट भी उसी हिसाब से मिलता है।
इस हिसाब से मिलता है लाभ
मान लीजिए 2015 में कोई व्यक्ति 1,000 रुपए महीने से अकाउंट खोलता है तो उसे 14 साल तक यानी 2028 तक हर साल 12 हजार रुपए डालने होंगे। मौजूदा हिसाब से उसे हर साल 8.6 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा तो जब बच्ची 21 साल की होगी तो उसे 6,07,128 रुपए मिलेंगे। गौर करने वाली बात यह है कि 14 सालों में पालक ने अकाउंट में कुल 1.68 लाख रुपए ही जमा करने पड़े। बाकी के 4,39,128 रुपए ब्याज के हैं।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र एड्रेस प्रूफ आईडी प्रुफ