नई दिल्ली, पं.शशिशेखर त्रिपाठी। गृहणियों के लिए कैसा रहेगा 2020। पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने बताया कि किस राशि की गृहणियों के लिए ये साल कैसा रहने वाला है। क्या उनके लिए शुभ रहेगा और किन चीजों से उन्हें नुकसान हो सकता है। 



गृहणियों के लिए कैसा रहेगा 2020


मेष राशि:
इस वर्ष स्त्री चिकित्सक की सहायता लेनी पड़ सकती है, सावधान रहें। वर्ष के प्रारम्भ से 07 फरवरी तक पति की शारीरिक पीड़ा को लेकर चिन्ता सकती है। 16 जुलाई से 16 अगस्त तक यदि वक्ष सम्बन्धित पुरानी समस्या है, तो चिकित्सक की सलाह लें। 22 मार्च से 04 मई के मध्य परिवार, पिता एवं मित्रों पर धन व्यय होगा। व्यावहारिक, सामाजिक तथा धार्मिक कर्मों में व्यस्तता अधिक रहेगी, जिससे आर्थिक व्यय तथा अस्वस्थ्यता हो सकती है। पति-पत्नी के सम्बन्धों में मधुरता रहेगी।


वृष राशि:
इस वर्ष ऐसा कोई भी कार्य न करें जिसके कारण अपयश प्राप्त हो। स्वयं पर संयम रखना होगा। पति से बैर-विरोध, मन-मुटाव रह सकता है। वर्ष के मध्य से सम्बन्ध कटुतापूर्ण होकर अन्त तक पुन: सामान्य हो जायेंगे। विश्वासघाती व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचना होगा।


मिथुन राशि:
स्त्रीवर्ग के लिये यह वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से दुर्बल कहा जा सकता है। पुराने रोगों से समस्या होगी। स्त्री सम्बन्धित रोग, उदर पीड़ा, वायुविकार आदि से परेशान रहेंगे। जो दम्पति सन्तान प्राप्ति के इच्छुक हैं, इस वर्ष में उनकी इच्छा पूर्ति होगी। जीवनसाथी से छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक शान्ति रखें।


कर्क राशि:
स्त्रियां इस वर्ष कुछ आकांक्षा लिये रहेंगी, जो की बहुत हद तक पूरी भी होंगी। आप जो कुछ भी करने के इच्छुक हैं, उसे करने की पूर्ण स्वतंत्रता तथा आनंद आपको प्राप्त होगा। सन्तान तथा प्रियजन आपके साथ अच्छा व्यवहार करेंगे। सन्तान प्राप्ति की इच्छुक हैं, तो उनकी मनोकामना इस वर्ष में अवश्य पूर्ण होगी। उच्च या निम्न रक्तचाप से पीड़ित स्त्रियां यात्रा में सावधानी रखे, औषधि साथ ही ले जायें।


सिंह राशि:
आप घर-गृहस्थी में सुखी एवं हर्षित अनुभव करेंगी। प्रेम-प्रणय में समय व्यतित होगा। मातृत्व सुख से गोरान्वित होंगी, किन्तु साथ ही सत्य होते हुये भी आपको असत्य ठहराया जायेगा। आप दूसरों का हित करने का प्रयास करेंगी, किन्तु आपका अहित होने की सम्भावना अधिक ही रहेगी। घर की स्त्रियों में बैर-विरोध बढ़ सकता है।


कन्या राशि:
वर्ष के प्रारम्भ में ही आपके जीवनसाथी के साथ छोटे-मोटे वाद-विवाद हो सकते हैं। वाद-विवाद न करें एवं सन्तान व पति को महत्व एवं सम्मान दें। आपके शत्रुओं में वृद्धि हो सकती है, सावधान रहें। निम्नकक्षा की स्त्रियों से सम्पर्क के कारण मानसिक कष्ट हो सकता है। केतु आपकी राशि से चतुर्थ स्थान में होने से स्त्रियों को हिस्टीरिया एवं मानसिक भ्रम जैसे रोग हो सकते हैं। भाग्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है। गर्भपात के योग बनने की आशंका है।


तुला राशि:
जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। परिवारजनों से शारीरिक एवं मानसिक कष्ट प्राप्त होगा। मुत्यु तुल्य कष्ट का सामना भी करना पड़ सकता है, स्वयं की रक्षा हेतु जागृत रहें। अनैतिक मार्ग की ओर न बढ़ें। व्यर्थ के वाद-विवाद भी सम्भव हैं। पति से मनमुटाव एवं विरोध बढ़ सकता है। उनके क्रिया-कलापों की उपेक्षा कर पाना आपके लिये सरल नही होगा। विवेकपूर्ण निर्णय करें तथा वृद्धजनों का हस्तक्षेप रखें, अन्यथा अलगाव सम्भव है।


वृश्चिक राशि:
सन्तान पक्ष से आर्थिक अपेक्षा सफल होगी। पति-पत्नी का जीवन सुमधुर बनाना कहते हैं तो मन शान्त रखें एवं पति को सम्मान दें, उनसे वार्तालाप करने का ढंग परिवर्तित करें। परिवार के अन्य सदस्यों एवं सन्तान के समक्ष वाद-विवाद न करें। इस वर्ष आपको पुराने रोगों, आलस्य एवं दुर्बलता की समस्या रहेगी।


धनु राशि :
महिलाओं को इस वर्ष गुप्त रोग हो सकता है। गृह वातावरण कलहप्रद रहने की सम्भावना अधिक रहेगी। सन्तान से मानसिक पीड़ा होगी। दाम्पत्यजीवन में असन्तोष तथा पारिवारिक अलगाव भी सम्भव है। गर्भवती स्त्रियों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी।


मकर राशि : 
स्त्रियों के लिये यह सम्पूर्ण वर्ष आनन्दपूर्ण एवं प्रेम से परिपूर्ण गतिविधियों का रहेगा। गृहस्थ जीवन के साथ सामाजिक मेल-मिलाप का भी पूर्ण लाभ प्राप्त होगा। मई मास के पश्चात् घरेलु मतभेद से पीड़ित रहेंगी एवं स्वास्थ्य भी दुर्बल रहेगा। पारिवारिक मतभेद का सामना करना पड़ सकता है।


कुम्भ राशि :
इस राशि की स्त्रियों के लिये यह वर्ष माध्यम रहेगा। 24 जनवरी से आपको अपने स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखना होगा। 13 फरवरी तक अस्थमा की समस्या रह सकती है। तले हुये आहार से बचाव करें। सास-श्वसुर एवं परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति स्नेहभाव रखेंगे तो आनेवाला समय उन्नतिशील होगा। पुराने रोगों के प्रति गम्भीरता रखें तथा नियमित चिकित्सा करायें।


मीन राशि :
यह वर्ष भावनात्मक लगाव एवं आनन्द के सागर में गोते लगाने के साथ-साथ आपसी द्वन्द का भी रहेगा। कभी स्वयं को पति से दूर तो कभी उनके अत्यन्त निकट पायेंगी। पारिवारिक विवाद वर्ष के अन्त तक उत्पन्न होते रहेंगे। ऋण व धन की कमी की समस्या भी होगी। सन्तान से वाद-विवाद न करें।