Happy Bhai Dooj 2021: जानें, दिल्ली, यूपी और बिहार में कैसे मनाया जा रहा है भाई दूज का त्योहार?
हिंदू पंचाग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.
Happy Bhai Dooj 2021: देश भर में आज भाई दूज का त्योहार मनाया जा रहा है. पुजारियों के मुताबिक, भाई दूज के लिए शनिवार को सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर में 1 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक है. हिंदू पंचाग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भैया दूज पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं.
दिल्ली में शुक्रवार को ही भैया दूज पर्व की धूम दिखनी शुरू हो गई थी. मिठाई और उपहारों की दुकानों पर भीड़ रही. बहनें अपने हाथ मेहंदी से सजाने में लगी रहीं. इस मौके पर दिल्ली में डीटीसी बेड़े की सभी बसें सड़कों पर उतरी हैं. डीटीसी के अनुसार यात्रियों की अधिकता को ध्यान में रखते हुए डीटीसी यात्रियों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए शनिवार की अनुसूचित बसों की जगह कार्य दिवस में निर्धारित संख्या के अनुसार बसों का परिचालन किया जा रहा है.
वहीं यूपी की बात करें तो उत्तर प्रदेश में भाई दूज के त्योहार को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. कान्हा की नगरी मथुरा में भाई दूज पर्व की धूम है. भाई-बहन हाथ पकड़कर यमुना में स्नान कर रहे हैं. यम फांस से मुक्ति के लिए भाई और बहन हाथ पकड़कर यमुना में डुबकी लगाते हैं. बहन भाई के माथे पर लंबी उम्र के लिए टीका लगाती है. देश भर से हजारों हजारों की संख्या में श्रद्धालु यमुना पहुंचते हैं. यमुना किनारे विश्राम घाट पर स्नान का बहुत महत्व है. द्वापर में यमराज ने बहन यमुना को यह वरदान दिया था कि भाई दूज के दिन यमुना में डुबकी लगाने से भाई-बहन को यमफांस से मुक्ति मिलेगी.
बिहार में भी भाई दूज की जमकर तैयारी चल रही है. बिहार में भाई दूज पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. दरअसल इस दिन बहनें भाइयों को डांटती हैं और उन्हें भला बुरा कहती हैं और फिर उनसे माफी मांगती हैं. दरअसल यह परंपरा भाइयों द्वारा पहले की गई गलतियों के चलते निभाई जाती है. इस रस्म के बाद बहनें भाइयों को तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती हैं.
क्यों मनाया जाता है भाई दूज?
भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. इस त्योहार को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाए हैं, जिनमें से सबसे लोकप्रिय देवी यामी और उनके भाई यमराज की कथा काफ़ी लोकप्रिय है. यामी अपने भाई यमराज से काफ़ी प्यार करती थीं. एक वक्त ऐसा आया कि यामी और भाई यमराज किसी कारण वश लंबे अरसे तक नहीं मिल पाए. जिसके यमराज अचानक उनसे मिलने पहुंच गए. उनके आने की खुशी में यामी ने पकवान बनाए और उन्हें तिलक किया.
जिसके बाद यमराज इतने खुश हो गए कि उन्होंने यामी से वरदान मांगने के लिए कहा. जिसके बाद उन्होंने यमराज से मांगा कि वह उन्हें हर साल मिलने आएं और आज के बाद जो भी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करे उसे यमराज का डर ना हो, क्योंकि उसकी बहन का प्यार और प्रार्थना उसके साथ रहे. जिसके बाद यमराज ने उन्हें वरदान दिया, इसी वजह से हर साल भैया दूज मनाया जाता है.
ये भी पढ़ें: