Kanpur Medical College: कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में ऐसा लगता है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. बाल रोग विभाग में वेंटिलेटर को लेकर शुरू हुआ पत्र लीक मामला थम नहीं रहा है. वेंटिलेटर को खराब बताने वाली डॉक्टर नेहा को हटाए जाने के बाद वो पत्र भी अब सामने आया है जिसमें डॉ नेहा अग्रवाल (जो पीआईसीयू इंचार्ज थी) ने वेंटिलेटर के खराब होने की बात अपने उच्च अधिकारियों को बताई थी. हालांकि, इस पूरे मामले में कोई भी बयान देने से बच रहा है.  


आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है
जीएसवीएम कानपुर मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. PICU इंचार्ज डॉ नेहा अग्रवाल का इस बीच एक पत्र सामने आ गया है जिसके बाद उनपर की गई कार्रवाई को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं. जो चिट्‌ठी सामने आई है उसमें अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोली गई है. बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष को लिखे गए इस पत्र में ये बताया गया है कि विभाग में 5 वेंटिलेटर हैं. इनमे केवल एक ही चालू हालात में है. जो एक सही है उसका भी नॉब खराब है. इसका मतलब कुल 5 में सही तरीके से कोई भी वेंटिलेटर काम नहीं कर रहा है.


सरकार के दावों की खुली पोल 
डॉ नेहा अग्रवाल का पत्र उस वक्त सामने आया है, जब कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बेहद नजदीक है. तमाम सरकारें लोगों को इसके प्रति आगाह कर रही हैं. कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक सबित हो सकती है. डॉ नेहा की ये चिट्ठी शासन प्रशासन के उन बढ चढ़कर किए गए दावों की पोल भी खोल रही है जिसमें कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए अस्पताल पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं. 


5 जुलाई को लिखी थी चिट्ठी
ये चिट्ठी डॉ नेहा अग्रवाल ने ये बीती 5 जुलाई को मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ यशवंत राव को लिखी थी. पत्र में ये भी बताया गया है कि दो सप्ताह पहले पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट में दो एग्वा वेंटिलेटर इंस्टाल किए गए थे. लेकिन पीएम केयर्स फंड से दिए गए वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं. एक वेंटिलेटर चार्ज नहीं हो रहा है और एक चलते-चलते रूक गया. विभागाध्यक्ष को वेंटिलेटर के खराब होने के बारे में बताया गया था. साथ ही उन्होंने ये भी बताया था कि पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) में 5 वेंटिलेटर में एक ही काम कर रहा है और उसकी भी सेटिंग गड़बड़ है, काम कर रहे वेंटिलेटर की नॉब खराब है, जिससे उसके फंक्शन प्रॉपर नहीं हो पा रहे हैं.


किया गया था निलंबित
हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग में PICU की इंचार्ज डॉ नेहा अग्रवाल ने पीएम केयर्स फंड से मिले वेंटिलेटर से हुई बच्ची की मौत का मामला सामने लेकर आईं थी. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा और जांच के नाम पर उनको निलंबित कर दिया गया. हालांकि, बाद में GSVM के प्रिंसिपल डॉ संजय काला ने डॉ नेहा के बचाव में शासन को पत्र भेजा और उनके निलंबन के फैसले पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया था. इस बाबत एक जांच कमेटी गठित की थी. इस गोपनीय रिपोर्ट में भी सूत्रों की मानें तो डॉ नेहा को क्लीन चिट दी गई थी.


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