Fingerprint will reveal about Lost Child: अक्सर देखा जाता है कि जब मां-बाप से कोई बच्चा बिछड़ जाता है तो कितनी समस्याएं सामने खड़ी हो जाती हैं. बच्चे के खो जाने पर बच्चे के साथ-साथ माता-पिता भी परेशान हो जाते हैं. लेकिन अब बच्चे के आधार-कार्ड के फिंगर प्रिंट से आप उसका पता लगा सकेंगे.


यूआइडीएआई शिविर के तहत लगाएगा खोये हुए बच्चे का पता 


भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआई) खोये हुए खोये हुए बच्चों का पता लगाने के लिए अनाथालयों में विशेष शिविर लगाएगा. जहां इन बच्चों के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी. यूआइडीएआई नवजात का भी आधार कार्ड बनाता है लेकिन बच्चे के 5 साल के हो जाने पर उसके फिंगर-प्रिंट चेंज हो जाते है और यह फिंगर प्रिंट 15 साल की उम्र तक समान ही रहते हैं.


फिंगर प्रिंट से मिलान करके पता लगाया जा सकेगा


भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण इस बात से यह पता लगाएगा कि अगर पांच साल से अधिक आयु के जिन बच्चों का आधार कार्ड उनके माता-पिता ने पहले बनवाया होगा तो उनके फिंगर-प्रिंट से मिलान करके इस चीज़ का पता लगाया जा सकेगा.साथ में बच्चे के घर का पता और उसकी सारी पहचान सामने आ जाएगी. जिससे वो अपने माता-पिता से मिल पायेगा.


कानपुर से होगी शुरूआत


यूआइडीएआई इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत कानपुर से करेगा इसके बाद सभी अनाथालयों और बिछड़े बच्चों को लेकर काम करने वाले गैर सरकारी संगठन यानी एनजीओ से संपर्क करके अपनी टीमें यहां पर भेज सकेगा. इसलिए ज़रूरी है कि बच्चों की आयु 5 साल और 15 साल पूरी हो जाने पर उनका अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट करा लेना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर बच्चे का आधार इनएक्टिव हो जाता है और यह चीज़ करना मुश्किल हो जाएगा.


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