नई दिल्ली, एबीपी गंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के लिए आज शाम 7 बजे दोबारा पीएम पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भव में होगा। पीएम मोदी के साथ ही उन नेताओं को भी शपथ दिलाई जाएगी, जो मोदी की नई कैबिनेट का हिस्सा होंगे।  सूत्रों की मानें, तो करीब 50 नेताओं को आज मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। कहा जा रहा है कि मोदी के पहले के कार्यकाल में 4-5 चेहरों को छोड़कर लगभग सभी पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। हालांकि, कई नए चेहरों पर भी भरोसा जताया गया है।



पीएम मोदी की नई कैबिनेट!




  • अमित शाह

  • राजनाथ सिंह

  • रवि शंकर प्रसाद

  • नितिन गडकरी

  • सुरेश प्रभु

  • पीयूष गोयल

  • स्मृति ईरानी

  • विनय सहस्रबुद्धे

  • अनुप्रिया पटेल

  • मेनका गांधी

  • रीता बहुगुणा जोशी


इन्हें फिर मंत्री बनाया जा सकता है

अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान जैसे वरिष्ठ नेताओं को पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है। कहा जा रहा है कि इस बार भी राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जनरल वी के सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, थावर चंद गहलोत, मुख्तार अब्बास नकवी, जितेंद्र सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है।

नई कैबिनेट में ये मंत्री नहीं आ सकते हैं नजर!


अरुण जेटली




मोदी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली इस बार मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने खुद पीएम मोदी को पत्र लिखकर उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं देने का आग्रह किया है। दरअसल, उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है।


सुषमा स्वराज



मोदी कैबिनेट की एक और अहम मंत्री रही हैं सुषमा स्वराज। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सेहत भी ठीक नहीं बताई जाती है। इस बार सुषमा ने लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा है यानी सुषमा इस वक्त संसद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। हालांकि सुषमा स्वराज का विदेश मंत्री का कार्यकाल काफी सराहनीय माना जाता है। ऐसे में अगर प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपनी नई कैबिनेट में जगह देते हैं तो राज्यसभा के जरिये या लोकसभा के किसी उप चुनाव के जरिये संसद का उनका रास्ता साफ किया जा सकता है।


उमा भारती



बीजेपी की फायर ब्रांड नेताओं में शुमार और मोदी सरकार की पहली कैबिनेट में मंत्री रही उमा भारती के लिए भी माना जा रहा है कि वे नई कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगी। सुषमा की तरह उमा ने भी इस बार चुनाव नहीं लड़ा है। इसके पहले 2014 में वो झांसी संसदीय सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचीं थी। फिलहाल उमा किसी सदन की सदस्य नहीं है। ऐसे में उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना कम ही है।


कलराज मिश्र



बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार कलराज मिश्र भी मोदी की नई कैबिनेट से बाहर माने जा रहे हैं, क्योंकि कलराज मिश्रा की उम्र को देखते हुए पार्टी ने इस बार उन्हें चुनाव के मैदान में नहीं उतारा। 75 साल से ज्यादा के होने की वजह से कलराज मिश्र को पार्टी ने आराम देने का फैसला किया था।


2014 के मंत्रिमंडल में रहे ये मंत्री 2019 में हारे


मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल रहे मनोज सिन्हा चुनाव हार गए हैं। 2014 में गाजीपुर से सांसद रहे मनोज सिन्हा के पास केंद्र में संचार मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था, तो दूसरी तरफ रेल राज्य मंत्री का जिम्मा भी रहा। हालांकि मनोज सिन्हा के चुनाव हारने के बाद उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि राज्यसभा या लोकसभा उपचुनाव के जरिए मनोज सिन्हा को उतार कर उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।


इसके अलावा कई और मंत्री हैं, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहते हुए अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे हैं। हरदीप पुरी मोदी सरकार में शहरी विकास राज्यमंत्री रहे, जो अमृतसर से चुनाव हार गए हैं। गृह राज्य मंत्री रहे हंसराज गंगाराम अहीर भी महाराष्ट्र की चंद्रपुर सीट से शिकस्त पा चुके हैं। इसके साथ ही वित्त और जहाजरानी राज्यमंत्री रहे पी राधाकृष्णन भी हार गए हैं। मोदी सरकार के पर्यटन राज्यमंत्री रहे अल्फोंस कन्ननथनम केरल की एर्नाकुलम सीट से हार गए हैं। वहीं सहयोगियों में शिवसेना नेता और केंद्रीय मंत्री रहे अनंत गीते भी हार गए।


इन चर्चित चेहरे को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी 


अमित शाह



नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनने वाली सरकार का सबसे चर्चित चेहरा अगर कोई माना जा रहा है, तो वो है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह। जिन्होंने गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से अपनी जीत दर्ज कराई है। गांधीनगर की सीट कभी लाल कृष्ण आडवाणी की हुआ करती थी। शाह ने इस पर जबर्दस्त जीत दर्ज की है। माना जा रहा है इस बार मोदी मंत्रिमंडल में बीजेपी के राष्ट्रीय अमित शाह भी शामिल होंगे और उन्हें गृह व वित्त में से कोई एक मंत्रालय दिया जा सकता है। अटकलें हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दरअसल, रक्षा मंत्री का पद बीजेपी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस चुनाव में भारतीय सेना और पाकिस्तान में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की काफी चर्चा हुई थी। ऐसे में सरकार एक मजबूत रक्षा मंत्री के तौर पर शाह को यह अहम पद दे सकती है। हालांकि सूत्रों की मानें तो आरएसएस को एक फिक्र भी है कि अगर अमित शाह ऐसा कुशल नेतृत्व भाजपा संगठन से दूर होता है तो संगठन कमजोर ना पड़ने लगे।


मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को मिल सकती है जगह


विनय सहस्त्रबुद्धे



मोदी सरकार में कौन-कौन शामिल होगा। इसे लेकर अभी कयास लगाए जा रहे हैं, जिन चेहरों की दावेदारी पक्की है, उन्हें सिर्फ पुराने मंत्रिमंडल के आधार पर माना जा रहा है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं और उन्हीं में से एक नाम माना जा रहा है बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे का। जिन्हें मानव संसाधन मंत्री बनाया जा सकता है। सहस्त्रबुद्धे का दावा इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है कि मुरली मनोहर जोशी जैसा एक वैचारिक बुद्धजीवी चेहरे की कमी पूरी की जा सके। साथ ही भरोसेमंद भी हो। छात्र जीवन से ही अखिल भारती विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य रहे सहस्त्रबुद्धे, महाराष्ट्र से राज्यसभा के सांसद हैं। विनय सहस्त्रबुद्धे बीजेपी के थिंक टैंक में शुमार किए जाते हैं।  फिलहाल तो वे मध्य प्रदेश के प्रभारी हैं, लेकिन पार्टी में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। 2014 में बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट समिति के सदस्य भी रहे। इसके अलावा 2009 नितिन गडकरी के बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए राजनीतिक सलाहकार रहे।


स्मृति ईरानी



कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके गढ़ में हराने वाली स्मृति ईरानी का केंद्र में कद बढ़ना तय माना जा रहा है। ईरानी पिछली बार यहां से चुनाव हार गई थीं। इसके बावजूद उन्होंने अमेठी को अपने चुनाव क्षेत्र की तरह माना और लगातार वहां जाकर काम करती रहीं। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी मोदी कैबिनेट की अहम मंत्री रही हैं। उन्होंने मानव संसाधन और सूचना प्रसारण मंत्रालयों का कामकाज भी देखा। हालांकि कुछ विवादों के चलते दो बार उनके मंत्रालय बदले गए। इसके बावजूद सरकार और पार्टी में उनकी अहमियत बनी रही। अमेठी की जीत के बाद स्मृति ईरानी की स्थिति भाजपा के भीतर और मजबूत हुई है। आने वाले दिनों में नए केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी उनकी भूमिका अहम हो सकती है। उन्हें किसी महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है।


आज नई कैबिनेट की तस्वीर होगी साफ 



पीएम मोदी के नए कैबिनेट का चेहरा कैसा है, वो आज शाम 7 बजे तक साफ हो जाएगा।  बता दें कि पिछली बार पीएम मोदी के साथ 46 मंत्रियों ने शपथ ली थी और जब उनका पहला कार्यकाल खत्म हुआ तो उनकी सरकार में 70 मंत्री शामिल थे।