गोरखपुर. प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को 'सोशल सहेली' साकार कर रही है. 'सोशल सहेली' एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अपनी आवाज को बेहतर मंच के जरिए लोगों तक पहुंचा रही हैं. 'सोशल सहेली' ऐसी ही महिलाओं को मंच उपलब्ध करा रहा है. अपने उत्पाद और व्यवसाय को बढ़ाने के लिए मंच की तलाश कर रही महिलाओं को 'सोशल सहेली' प्रशिक्षण देती है. उद्यमी महिलाएं डिजिटल मीडिया के जरिए अपनी कहानी को लोगों तक पहुंचाती हैं. साथ ही इसके जरिए दूसरी महिलाओं को प्रेरित भी किया जाता है.


क्या है सोशल सहेली?
'सोशल सहेली' भारत का पहला ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को एक साथ मंच पर लाता है. इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से महिलाएं अपने और अपने बिजनेस की कहानी अन्य लोगों तक पहुंचा सकती हैं. 'सोशल सहेली' के माध्यम से उद्यमी महिलाएं सोशल मीडिया की जानकारी लेती हैं और अपने बिजनेस को सफल बनाने की ट्रेनिंग लेती हैं. 'सोशल सहेली' की प्रोजेक्‍ट लीड शमिता हर्ष उद्यमी महिलाओं को ये मंच उपलब्ध करा रही है.


स्टोरी टेलिंग वीडियो से मिलती है मदद
शमिता महिलाओं को स्टोरी टेलिंग के माध्यम से वीडियो बनाने की भी ट्रेनिंग देती हैं. शमिता हर्ष ने बताया कि गोरखपुर में उनका ये पहला पड़ाव है. इसके पहले उन लोगों ने ऑनलाइन प्रशिक्षण का कार्यक्रम दिसंबर में शुरू किया था. वो कहती हैं, "घरेलू महिलाएं संगठन और समूह बनाकर किस तरह से अपना प्रोडक्ट और अपना व्यवसाय चलाना चाहती हैं. इन महिलाओं को क्या-क्या सपोर्ट चाहिए. इनको मार्केटिंग में किस तरह की समस्याएं आती हैं. इन सब बातों की जानकारी दी जाती है. स्टोरी टेलिंग के जरिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे अपनी कहानी लोगों तक पहुंचा सकें."


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