नई दिल्ली, एबीपी गंगा। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं सुषमा के लाखों-करोड़ों समर्थकों की आंखें आज नम हैं। प्रखर वक्ता और शानदार नेता के तौर पर उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। चूंकि सुषमा स्वराज जहां भी जाती थी वहां के लोगों को अपना बना लेती थी, लेकिन यूपी के कानपुर जिले से उनका खासा लगाव था।


पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र हो या प्रदेश के कैबिनेट मंत्री... या फिर युवा नेता। सभी आज सुषमा स्वराज को याद कर रहे हैं। सुषमा स्वराज के साथ बिताए पल आज भी उनकी यादों में ताजा हैं। कानपुर के नेता बताते हैं कि सुषमा ने एक बार बिना मंत्री ओहदे के जिले के किसी कार्यक्रम में शरीक होने की इच्छा जाहिर की थी।


साल 1998 में सुषमा यहां पूर्व सांसद श्याम बिहारी के कार्यक्रम में आई थीं। भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी अनूप अवस्थी सुषमा के साथ हुई मुलाकात को आज भी याद करते हैं। वो बताते हैं कि उस समय उन्होंने पार्टी के लिए युवाओं को जुटाने पर जोर दिया था। साल 1999 में सुषमा स्वराज ने सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। प्रदेश में मौजूदा कैबिनेट मंत्री और तब के युवा नेता सतीश महाना भी प्रचार के लिए बेल्लारी गए थे। महाना के नेतृत्व में कई युवा नेता भी साथ गए थे। चुनाव में व्यस्त होने के बावजूद सुषमा स्वराज प्रचार करने आए कार्यकर्ताओं से जरूर मिलती थीं और उनका हालचाल लेती थीं। सुषमा जब दिल्ली की पहली मुख्यमंत्री बनी तो उस समय भी वो कानपुर आई थीं। सुषमा तब सतीश महाना के घर गई थीं।