UP Terrorist Arrested: दहशत फैलाने के लिए आतंकियों ने चुराया था इस फिल्म आइडिया, जानें- 'खजूर' वाला एंगल
Terrorist Arrested: खजूर एपिसोड का मास्टर माइंड प्रयागराज से गिरफ्तार हुआ जीशान कमर (Zeeshan Qamar) है. फिल्म देखने के बाद उसने तय किया था कि ऐसा कारोबार करेगा, जिसकी आड़ में वो दहशत फैला सके.
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Prayagraj Terrorist Arrested: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पिछले हफ्ते पकड़े गए आतंकियों (Terrorists) में से कई लोग खजूर के कारोबार से जुड़े थे. हालांकि, एटीएस (ATS) से लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अब तक की पड़ताल में ये साफ हो चुका है कि खजूर का कारोबार तो सिर्फ बहाना था, असली मकसद खजूर के बहाने दहशत के कारोबार को आगे बढ़ाना था. पकड़े गए आतंकियों ने खजूर के कारोबार के बहाने दहशत फैलाने का आइडिया आमिर खान (Amir Khan) और नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) की फिल्म सरफरोश (Sarfarosh) से हासिल किया था. इस फिल्म में लाल मिर्च के जरिए हथियारों की तस्करी दिखाई गई थी, जबकि पकड़े गए आतंकी लाल मिर्च की जगह खजूर का फर्जी कारोबार करते थे. बहरहाल, असल जिंदगी के शातिरों का अंजाम भी फिल्म जैसा ही हुआ और यहां के दहशतगर्द भी अब जेल (Jail) की सलाखों के पीछे हैं. फिल्म सरफरोश के लाल मिर्च से प्रभावित आतंकी जीशान कमर (Zeeshan Qamar) को ये आइडिया इतना पसंद आया कि उसने इसे अपने असल जीवन में अपनाने के लिए लैपटॉप पर एक ही दिन में इसे 5 बार देखा था.
पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, एटीएस और यूपी पुलिस ने पिछले हफ्ते यूपी में ताबड़तोड़ छापेमारी कर प्रयागराज, लखनऊ और अन्य जगहों से कई गिरफ्तारियां कर आतंक के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था. एजेंसियों की जांच में ये साफ हुआ था कि गिरफ्तार आतंकी और इनसे जुड़े कई लोग खजूर के कारोबार से जुड़े हुए हैं. प्रयागराज से गिरफ्तार जीशान कमर और लखनऊ से पकड़े गए आमिर बेग के साथ ही हिरासत में लिए गए कुछ संदिग्धों और मददगारों के भी खजूर के कारोबार से जुड़े होने की बात सामने आई है. मामले की जांच में जुटीं सुरक्षा एजेंसियों ने पहले तो इसे सामान्य तौर पर लिया, लेकिन जब सभी के तकरीबन एक ही वक्त में खजूर का कारोबार शुरू करने की जानकारी मिली तो इनका माथा ठनका. रिमांड पर लिए जाने के बाद इस बारे में जब गहराई से पूछताछ की गई तो बड़ा खुलासा हुआ.
फिल्म से लिया आइडिया
एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक खजूर एपिसोड का मास्टर माइंड प्रयागराज से गिरफ्तार हुआ जीशान कमर है. उसने एक दिन टीवी पर बॉलीवुड फिल्म सरफरोश देखी थी. फिल्म में नसीरूदीन शाह के नेटवर्क से जुड़े मिर्ची सेठ के जरिए लाल मिर्च के कारोबार की आड़ में पाकिस्तान और दूसरी जगहों से हथियारों की सप्लाई की बात देखी थी. जीशान कमर फिल्म देखते वक्त आईएसआई के लोगों के संपर्क में आ चुका था. उसे लाल मिर्च की आड़ में हथियारों की खरीद फरोख्त का आइडिया इतना पसंद आया कि उसने उसी रोज अपने लैपटॉप पर इस फिल्म को 5 बार देखा. जीशान के सरफरोश फिल्म देखने का ये मामला पिछले साल जनवरी महीने का था. उसी वक्त उसने तय कर लिया था कि वो भी कोई ऐसा कारोबार करेगा, जिसकी आड़ में वो दहशत फैलाने के काम से जुड़ सके. शातिर दिमाग जीशान ने सरफरोश फिल्म से आइडिया जरूर चुराया, लेकिन उसने लाल मिर्च की जगह खजूर के बिजनेस को चुना.
आकाओं से शेयर किया आइडिया
सूत्रों के मुताबिक जीशान ने इस आइडिया को अपने आकाओं से शेयर किया. आकाओं को भी ये फिल्मी आइडिया काफी पसंद आया. इसके बाद ही आकाओं ने आइडिया को हरी झंडी दी और जीशान और कमर बेग समेत कई लोग खजूर के काले धंधे में उतर आए. जीशान ने ही हिरासत में लिए गए प्रयागराज के ताहिर मदनी और शाहरुख को खजूर के कारोबार के बहाने अपने साथ जोड़ने की साजिश रची थी. दोनों उससे जुड़ तो गए थे और दहशत फैलाने के काम में अंजाने में उसकी मदद भी कर रहे थे. हालांकि, ताहिर और शाहरुख को खजूर के असली खेल की ज़्यादा जानकारी नहीं थी.
सुरक्षा एजेंसियों ने किया भंडाफोड़
सूत्रों के मुताबिक जीशान और आमिर बेग ने खजूर के कारोबार के बहाने ही कानपुर के कुछ लोगों का भी ब्रेनवाश किया था. यही वजह है कि एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कानपुर में कई बार छापेमारी कर चुकी है. एक बात और सामने निकलकर आई है कि दहशतगर्दों को फिल्म सरफरोश से आइडिया भले ही मिल गया हो. फिल्म से मिले आइडिया की वजह से ही उन्होंने खजूर की आड़ में असली कारोबार शुरू किया हो, लेकिन फिलहाल वो ज़्यादा कुछ नहीं कर सके थे. कोई बड़ा खेल करने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने उनके खेल का भंडाफोड़ कर दिया.
फिल्म के अंजाम से सबक लेना भूल गए
आतंकियों ने फिल्म से आइडिया हासिल कर खजूर के कारोबार के बहाने दहशत फैलाने का खेल शुरू तो कर दिया, लेकिन वो फिल्म के अंजाम से कोई सबक लेना भूल गए. ये भी कहा जा सकता है कि लाल मिर्च के काले कारोबारियों के अंजाम से वो जानबूझकर अंजान बने रहे. अगर उन्होंने फिल्म के क्लाइमेक्स से सबक ले लिया होता तो शायद आज वो ना आतंक के आकाओं के मोहरे बनते और ना ही जेल की सलाखों के पीछे होते.
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