लखनऊ, एबीपी गंगा। देश की सर्वोच्च अदालत ने राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वालों नेताओं को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने निर्देश दिए कि अब से सभी राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि (Criminal Case) वाले उम्मीदवारों का पूरा काला चिट्ठा अपनी वेबसाइड पर डालेंगे। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब हम आपको उत्तर प्रदेश असेंबली के उन दागी नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बाद आप आसानी से राजनीति और अपराध के बीच सांठगांठ के रिश्ते का अंदाजा लगा लेंगे। अपराध के मामलों में उत्तर प्रदेश का नाम सबसे पहले लिया जाता रहा है, लेकिन आपाराधिक मामलों में लिप्त नेताओं की लिस्ट भी यहां आपको काफी लंबी-चौड़ी दिख जाएगी।


हर उम्मीदवार का डाटा ADR के पास मौजूद


बता दें कि हर चुनाव में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ( ADR) द्वारा उम्मीदवारों का पूरा ब्योरा जमा कराया जाता है। एडीआर के आंकड़ों से आप राजनीति और अपराध की सांठगांठ को आसानी से समझ सकते हैं। एडीआर ने साल 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के आंकड़े भी जारी किए थे।


2017 विधानसभा के नतीजे, कितनों पर आपराधिक केस दर्ज


साल 2017 में 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में बीजेपी ने 312 पर जीत दर्ज की थी, जबकि सपा- 47, बसपा-19 और कांग्रेस-7 व अपना दल को 9 सीटें मिली थीं। तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की थी। आपको जाने कर हैरानी होगी कि इस चुनाव में कुल 402 विधायकों में से 143 ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का ऐलान किया था। इन सभी नेताओं ने चुनावी हलफनामे में इन मुकदमों की जानकारी दी थी।



बीजेपी के दागी नेता


2017 में प्रचंड बहुमत हासिल कर यूपी की गद्दी पर विराजमान हुई बीजेपी के 37 फीसदी विधायकों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। 2017 चुनाव जीते बीजेपी के 312 विधायकों में से 114 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 83 विधायक संगीन आपराधिक मामलों में संलिप्त हैं, इसका जिक्र इन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में भी किया था।



सपा के दागी


2017 में सपा के 47 उम्मीदवार विधायक बने। इनमें 14 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, इसकी जानकारी भी चुनावी हलफनामे में दी गई। इन 14 में से 11 नेताओं पर संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।



बसपा के दागी


बसपा के 19 में से पांच विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज। इनमें से चार के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।



कांग्रेस के दागी


कांग्रेस के 7 विधायकों में से एक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।


निर्दलीय


आपकी हैरानी होगी की 2017 में जीते तीनों निर्दलीय आपराधिक मामलों में संलिप्त हैं। तीनों के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।


हमने ऊपर के आंकड़ों आपको साल 2017 के चुनाव के दौरान के बताए हैं, हालांकि अब यूपी विधानसभा की तस्वीर थोड़ी बदल गई है, क्योंकि 2017 के बाद यूपी में उपचुनाव भी हो चुका है। इसके बाद मौजूदा वक्त में 403 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के 309, सपा-50, बसपा-18, कांग्रेस-7 और अपना दल (सोनेवाल) के 9 विधायक हैं। वहीं, सुभसपा-4, रालेद और हमारा अपना दल के 1-1 विधायक शामिल हैं। निर्दलीय की संख्या तीन ही है।


दिल्ली चुनाव में आधे से ज्यादा जीते विधायक दागी


हाल ही में दिल्ली चुनाव जीते आधे से ज्यादा विधायक दागी निकले हैं, जिनपर किसी न किसी मामले में आपराधिक केस दर्ज हैं। ये खुलासा एडीआर के आंकड़ों से हुआ है। 70 विधानसभा वाली दिल्ली में 43 विधायकों (61%) पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से 35 विधायकों (53%) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। साल 2015 विधानसभा से ये संख्या 24 थी।


सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिए


गुरुवार को कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी राजनीतिक पार्टियों को 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर ये जानकारी डालना अनिवार्य होगा, कि उनके दल के कितने उम्मीदवार दागी हैं। यानी कितनों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं, पार्टियों को चुनाव आयोग को 72 घंटे के भीतर ब्यौरा भी देना होगा। दलों को उम्मीदवारों के चयन के कारणों को भी विस्तार से बताना होगा। जिसका मतलब हुआ कि अगर उम्मीदवार पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं, फिर भी उसे टिकट किस वजह से दिया गया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी राजनीतिक दलअखबारों, सोशल मीडिया और अपनी वेबसाइट पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के चयन का कारण बताएंगे। जिसमें वेबसाइट पर उनका परिचय पत्र, उपलब्धियां और उनके अपराध का विवरण प्रकाशित होना चाहिए।


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