अयोध्या पर 9 नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद मोदी सरकार ने राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाए जाने का ऐलान किया। इस ट्रस्ट का नाम 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' होगा। इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे। फिलहाल रामलला के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास हैं। रामलला की सेवा के लिए इन्हें नियमित वेतन भी मिलता है। आइये आपको बताते हैं कि रामलला के पुजारी को कितना वेतन मिलता है। इसके साथ ही ये भी बताएंगे की रामलला की पूजा-अर्चना पर कितना खर्चा आता है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को 13 हजार मासिक वेतन मिलता है। बतादें कि बीते साल अगस्त से पहले उन्हें 12 हजार रुपये मिलता था इसके बाद उनके वेतन में 1 हजार रुपये प्रति महीने की वृद्धि की गई। 6 दिसंबर 1992 के बाद से लगातार 28 साल से आचार्य सत्येंद्र दास रामलला की पूजा-अर्चना में लगे हुए हैं। 1992 में उनकी सैलरी 100 रुपये हुआ करती थी। 83 वर्षीय आचार्य सत्येंद्र दास के साथ रामलला की सेवा में 4 सहायक पुजारी और 4 कर्मचारी भी लगे हुए हैं। इन पुजारियों और कर्मचारियों को 7,500 रुपए से 10 हजार रुपए तक वेतन दिया जा रहा है। इनकी तनख्वाह में भी बीते साल 500 रुपए की वृद्धि की गई।
क्या है रामलला का मासिक भत्ता?
रामलला को 30 हजार रुपये मासिक भत्ते के तौर पर मिलता है। बीते साल ये भत्ता 26,200 रुपये था जिसमें इजाफा किया गया है। इसके अलावा रामलला के भोग के लिए भी 800 रुपए बढ़ाए गए। इसके अलावा रामलला की रोजाना होने वाली पूजा-अर्चना और उसकी सामग्री पर खर्च होने वाली राशि में भी वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के बाद वर्तमान में यह राशि 1.2 लाख रुपये हो गई है जिसका भुगतान प्रतिमाह किया जाता है। पहले यह राशि 93,200 रुपये थी।
गौरतलब है कि रामजन्म भूमि मंदिर में श्रद्धालु जो रुपया चढ़ाते हैं उसी से ही पुजारियों और कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है।