गुरू की दशा का जीवन पर पड़ता है प्रभाव, जानें- कैसे ले सकते हैं लाभ
कर्क के साथ गुरु का विशेष संबंध है.. क्योंकि कर्क राशि में ही गुरु उच्च के होते हैं भाग्य के स्वामी गुरु का संबंध कंपटीशन से है यानी जो लोग कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं उनको बहुत मेहनत करनी चाहिए।
प. शशिशेखर त्रिपाठी। अंतरिक्ष में एक बड़ा और भारी मूवमेंट होने जा रहा है। बृहस्पति को गुरु या देवगुरु कहा जाता है। इन्हें सभी ग्रह से अत्यधिक शुभ ग्रह माना जाता है। ज्ञान गुरु है। ज्ञान देने वाले को गुरु कहा जाता है। गुरु का संबंध शिक्षा देना, धर्म के अनुसार संस्कार देना, आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करने वाले होते हैं। गुरु का अर्थ है भारी और ग्रहों में सबसे बड़े ग्रह भी वृहस्पति ही हैं। इसलिए इनकी जहां भी उपस्थिति होती है वहां पर कुछ विशेष परिणाम आना निश्चित हो जाता है।
5 नवंबर को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर अपने घर यानी धनु राशि में गुरुदेव का पदार्पण होगा। गुरु का संबंध जीवन के विभिन्न आयामों से होता है। गुरू के मूल स्वरूप को समझने की आवश्यकता है गुरू की ही कृपा से ज्ञान, विद्या, धर्म, अध्ययन करना, अध्यापन, संतान, बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद, भवन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है। गुरू जीवन में स्थायी सुख के कारक हैं।गुरु का इतना अधिक महत्व है कि इस परिवर्तन से सभी राशियों पर बड़े बदलाव देखें जाएंगे।
गुरु का परिवर्तन
ज्ञान धन तथा संतान का कारक ग्रह है यदि कुंडली में संतान सुख देखना है तो सबसे पहले गुरु ग्रह की स्थिति को देखा जाता है। गुरु ग्रह विवेक, ज्ञान, ज्योतिषी, पुरोहित, परामर्शी, सत्य, विदेश में घर, भविष्य, सहायता, तीर्थयात्रा,नदी, मीठा खाद्य पदार्थ,विश्वविद्यालय, पान,शाप, मंत्र, दाहिना कान, नाक, स्मृति, पदवी, बडा़ भाई, पवित्र स्थान, धामिर्क ग्रन्थ का पठन, पाठन, गुरु, अध्यापक, धन बैंक,शरीर की मांसलता, धार्मिक कार्य ईश्वर के प्रति निष्ठा, दार्शिकता, दान, परोपकार, फलदार वृक्ष, पुत्र, पति, पुरस्कार, जांघ, लिवर, हार्निया इत्यादि का कारक ग्रह है।
मिथुन राशि पर प्रभाव
-स्वयं को अलर्ट करना होगा कि अब कुछ पठन पाठन करना ही होगा।
-देवगुरु आप पर पूरी तरह से निगाह रख लेगें इसलिए बहुत संस्कारी बनकर रहना होगा।
-आपके भीतर विचारों में भी परिवर्तन आएगा… विचारों में सात्विकता में वृद्धि होगी।
- जो लोग नशा करते हैं उनको अब नशे से मुक्ति दिलाने के लिए गुरु एक्टिव होंगे।
-जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा.. उनका वजन बढ़ सकता है
कर्क राशि पर प्रभाव
कर्क के साथ गुरु का विशेष संबंध है.. क्योंकि कर्क राशि में ही गुरु उच्च के होते हैं भाग्य के स्वामी गुरु का संबंध कंपटीशन से है यानी जो लोग कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं उनको बहुत मेहनत करनी चाहिए यह एक वर्ष गुरुदेव की कृपा से संफलता प्राप्त हो सकती है
- गुरु की कृपा से शत्रुओं में कमी आयेगी
- करियर का ग्राफ बढ़ेगा के प्रमोशन हो सकता है
- नौकरी में बदलाव हो सकता है
- सही कार्यों में धन खर्च होगा
- फ्लैट लेने के लिए समय सही है