आर्द्रा का अर्थ है आर्द्रता, नमी (humidity)। भीषण गर्मी के बाद नमी के कारण बादलों के बरसने का समय। चमकीला हीरा या आंसु की बूंदों को आर्द्रा का प्रतीक माना जाता है। कुल मिलाकर आर्द्रा का अर्थ हर प्रकार की नमी से है। वह चाहे वर्षा हो, आंसु हो या फिर पसीना। आंसु अपने साथ दुःख बहाकर ले जाता है। सुबह की ओस ताजगी देती हैं। वर्षा की हल्की फुहार मन में उत्साह व उल्लास भर देती है।


आर्द्रा नक्षत्रको आने वाले सुखद समय का संदेश वाहक दूत माना जा सकता है। यह भीषण गर्मी, लू और सूर्य की तपन के बाद वर्षा का सुखद समय का सूचक होता है। धूल भरी गर्म हवाएं व भीषण गर्मी अर्थात अप्रिय व अशुभ घटनाओं की समाप्ति व शुभ का आरंभ आर्द्रा नक्षत्र दर्शाता है। आर्दा नक्षत्र मिथुन राशि में होता है इसलिए मिथुन राशि वालों का आर्द्रा नक्षत्र होता है। इस नक्षत्र के देवता रुद्र अर्थात शिव हैं। सूर्य जब आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। तभी वर्षा आरम्भ होती है। तो चलते हैं आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे लोगों के स्वभाव को जानते है। उनके अंदर क्या-क्या गुण होते हैं इसको भी जानते हैं।



गुण


आर्द्रा नक्षत्र वाले लोग हमेशा वर्तमान या भविष्य में रहते हैं। ये लोग अपने भूतकाल के विषय में कम चिंतन करते हैं। यानी बीते हुए समय को याद नहीं करते।


ये लोग अनुभवों को बांटने में संकोच नहीं करते हैं।


आर्द्रा नक्षत्र वाले लोगों को अध्ययन करने में रुचि रहती है। ये लोग अपने जीवन में कई प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन करते हैं।


इस नक्षत्र के लोग नई-नई बातों को जानने के शौकीन होते हैं। ये लोग अपने आसपास की खबरों से अपडेट रहते हैं।


आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को नौकरी करने में कम रुचि रहती है। ये लोग व्यापारिक बुद्धि के होते हैं इसलिए इनका इंटरेस्ट बिजनेस में अधिक होता है। अगर ये नौकरी करते हैं तो जल्दी-जल्दी इंक्रीमेंट की अभिलाषा रखते हैं। इन्हें कोई दिशा दे, यह इनको पसन्द नहीं।


इस नक्षत्र में जन्मे लोग मौके की गंभीरता को बहुत जल्दी भाप लेते हैं। यदि अप्रिय घटना हो तो वहां से हट जाते हैं।


ये लोग पब्लिक डीलिंग में बहुत माहिर होते हैं। लोगों को कैसे बात करनी है और कैसे सामने वाले को शांत रखना है, या खुश करना है, यह गुण इनके भीतर जन्मजात होता है।


ये किसी नीरस कार्य को भी बहुत पॉजिटिव एप्रोच के साथ रुचिकर तरीके से करते हैं।


सावधानियां


आर्द्रा नक्षत्र वाले लोग अंतर्मुखी होते हैं इसलिए कई बार यह अपनी बात मुखरता के साथ नहीं रख पाते, जिससे इनको नुकसान भी हो जाता है।


यह लोग अपने सलाहकार की बातों को सुनते तो हैं लेकिन उसका पालन कम करते हैं। जिससे कई बार इनको परेशानियों का भी सामना करना पड़ जाता है।


वैसे इन्हें अपने गुणों का अभिमान भी होता है इसलिए यह ध्यान रखना चाहिए की बहुत इगो न रखें और स्वभाव से अक्सर क्रोधी भी प्रतीत होते हैं।



कैसे बढ़ाएं पावर


अगर सुगंध फैलाने वाला शानदार वृक्ष होता है। अगर के तने की छाल भोजपत्र के सामान पतली होती है। इसीलिए इसकी छाल का उपयोग एक लम्बे समय तक भोजपत्र के सामान धार्मिक पोथियों, साहित्य और इतिहास लिखने में किया गया। प्राचिन काल में इसे पेपर के लिए प्रयोग किया जाता था। इसका पौराणिक नाम अगर ही है। इसकी शाखाएं गरुड़ के पंखों के समान फैली हुई होती हैं। इसीलिए इसे ईगल वुड भी कहा जाता है। इस नक्षत्र को लोगों को अगर का वृक्ष लगाना चाहिए।