(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
धोखा मिलने पर भावनात्मक रूप से दुखी हो जाते हैं अनुराधा नक्षत्र में जन्मे लोग, मिलता है सच्चा ज्ञान
अनुराधा का प्रतीक कमल बहुत ही सुन्दर और कोमल पुष्प होता है। अनुराधा नक्षत्र का देवता द्वादश आदित्य में से एक मित्र को माना गया है। मित्र नाम से स्पष्ट है कि अनुराधा नक्षत्र का देवता मैत्री, विश्वास, सौम्यता प्रदान करने वाला होता है।
पंडित शशिशेखर त्रिपाठी
अनुराधा का अर्थ होता है राधा का अनुगमन करने वाली या राधा के पीछे चलने वाली। यदि विशाखा को राधा मानें तो बात समझना सरल हो जाता है। विशाखा रूपी राधा के बाद आने वाला नक्षत्र अनुराधा ही तो कहलाएगा। जिस प्रकार पूर्व फाल्गुनी व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र युग्म हैं, उसी प्रकार विशाखा व अनुराधा को भी नक्षत्र की जोड़ी कहा जाता है। ऋषियों ने इसे तपस्वी का दण्ड (यानी दण्डी स्वामी वाला) माना है। यह दण्ड शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है। अनुराधा नक्षत्र दैवीय ज्ञान व दिव्य शक्ति देते हुए मनुष्यों की तपस्या का शुभ फल प्रदान करता है।
कुछ विद्वानों ने इसे कमल माना है और कमल सदा कीचड़ में ही खिलता है। अनुराधा का प्रतीक कमल बहुत ही सुन्दर और कोमल पुष्प होता है। अनुराधा नक्षत्र का देवता द्वादश आदित्य में से एक मित्र को माना गया है। मित्र नाम से स्पष्ट है कि अनुराधा नक्षत्र का देवता मैत्री, विश्वास, सौम्यता प्रदान करने वाला होता है। यह नक्षत्र वृश्चिक राशि में पड़ता है, इसलिए जिन लोगों की वृश्चिक राशि है उनका अनुराधा नक्षत्र हो सकता है। अनुराधा नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हैं उनके कौन से क्या गुण होते हैं चलिए आपको बताते हैं।
गुण
ऐसे जातक प्रसन्नचित्त, उदार, आशावान, उत्साह व उमंग से काम करने वाले होते हैं। इनके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता अद्भुत होती है।
अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति मन, बुद्धि, भावनाओं से ऊपर उठकर सच्चा ज्ञान प्राप्त करता है।
अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति नई-नई जानकारियों को बटोरने के बहुत इच्छुक होते हैं। यह ज्ञान पिपासु होते हैं। ऐसे लोग खोज और शोध के कार्यों के लिए भी बिल्कुल परफेक्ट होते हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में भी यह अपनी अच्छी पकड़ बनाते हैं।
इस नक्षत्र के व्यक्ति रूढ़िवादी परंपरा को न मानने वाले होते हैं। समाज में देश काल परिस्थिति के अनुसार जो भी सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता होती है, उसके लिए यह लोग आगे बढ़ते हैं।
यह लोग आशावादी होते हैं। इनके अंदर काम करने की एक उमंग होती है और यह अपनी धुन में काम करने वाले व्यक्ति होते हैं।
चैरिटेबल काम करने में यह बहुत उत्साहित रहते हैं। यही नहीं यह लोग टीम बनाकर जनकल्याण के काम में पूरे मन से लगते हैं और अपनी टीम का नेतृत्व भी बहुत कुशलता के साथ कर लेते हैं।
वैसे यह लोग बड़े खुले स्वभाव के होते हैं। इनसे अगर कोई चीज गोपनीय रखी जाए तो यह बात इनको बिल्कुल पसंद नहीं आती। सीधे शब्दों में यह समझिए कि इन लोगों को रॉयल लोग बहुत पसंद होते हैं।
यह लोग लाइजनिंग का काम भी बहुत अच्छे तरीके से कर लेते हैं। यह किसी व्यक्ति या संस्थाओं या सरकारी विभागों के बीच में सेतु की तरह काम करने में बहुत उपयोगी होते हैं।
सावधानियां
यह लोग बहुत अच्छे मित्र होते हैं, लेकिन यदि इनका मित्र इनको धोखा देता है तो यह भावनात्मक रूप से बहुत दुखी हो जाते हैं। एक बार धोखा खाने के बाद यह दोबारा उसी मित्र से भविष्य में कभी भी बहुत प्रगाढ़ संबंध नहीं रख पाते। इसलिए अनुराधा नक्षत्र वाले व्यक्तियों को क्षमा करके पुरानी बातों को भूल जाना चाहिए।
यह लोग मन मुताबिक बात न होने पर अक्सर आक्रामक ढंग से प्रतिक्रिया दे देते हैं। अनुराधा नक्षत्र वालों को ध्यान रखना चाहिए कि आक्रामक प्रतिक्रिया देना इनका मूल स्वभाव नहीं है।
अनुराधा नक्षत्र वाले के मन में यदि किसी भी तरीके से धन कमाने की लालसा उत्पन्न हो जाए तो उसको नियंत्रित रखना चाहिए। क्योंकि अच्छे कर्मों के साथ मन को लगाकर चलना सदैव हितकर होगा।
कैसे बढ़ाएं पावर
अनुराधा नक्षत्र की वनस्पति है मौलसिरी। इस वृक्ष का पौराणिक नाम चिरपुष्प हैं। बंगाली और मराठी में बकुल कहते हैं। यह वनस्पति सामान्य रूप से हर जगह पाई जाती है। इस वनस्पति में ढेरो औषधीय गुण होते हैं। इसे लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह एक छायादार वृक्ष है। कहा जाता है कि मार्ग के किनारे मौलसिरी लगाने से यज्ञ समान पुण्य प्राप्त होता है। अनुराधा नक्षत्र वाले लोगों को मौलसिरी के पौधे लगाने चाहिए इससे उनका यह नक्षत्र मजबूत होगा। मौलसिरी की उपासना भी करनी चाहिए। इसके पुष्पों की माला उपासना में प्रयोग करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं।